Jammu Kashmir: मार्च में सरकारी विभागों के खर्च पर रखी जा रही पैनी नजर

वह फंड के इस्तेमाल की समीक्षा करेंगे। पहले मार्च महीने में विभाग उपलब्ध फंड के इस्तेमाल में जल्दबाजी करते थे इससे कई बार फंड का दुरूपयोग भी होता था। अब ऐसे नीति बनाई गई है जिससे विभाग अपने फंड के इस्तेमाल को अंतिम महीनों तक न टालें।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 09:58 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 09:58 AM (IST)
Jammu Kashmir: मार्च में सरकारी विभागों के खर्च पर रखी जा रही पैनी नजर
पैंथर्स पार्टी ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने में सरकारी विभागों के खर्च पर पैनी नजर रखी जा रही है। सरकार के आदेश पर प्रशासनिक सचिव अपने अपने विभागों में रोजाना हो रहे खर्च की निगरानी कर रहे हैं। फंड के सही इस्तेमाल के मुद्दे पर उपराज्यपाल सख्त हैं। ऐसे में प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए हैं कि उनके उनके विभागों के लेखाधिकारी रोजाना हो रहे खर्च के बारे में जानकारी नही दे रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उपराज्यपाल खुद भी विभागों के खर्च का निरीक्षण कर सुनिश्चित करेंगे कि इसका दुरूपयोग न हो। वह फंड के इस्तेमाल की समीक्षा करेंगे। पहले मार्च महीने में विभाग उपलब्ध फंड के इस्तेमाल में जल्दबाजी करते थे, इससे कई बार फंड का दुरूपयोग भी होता था। अब ऐसे नीति बनाई गई है जिससे विभाग अपने फंड के इस्तेमाल को अंतिम महीनों तक न टालें।

मंहगाई बना मुद्दा: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे राजनीतिक दल मंहगाई को मुद्दा बनाकर सड़कों पर आ गए हैं। ऐसे हालात में प्रदेश कांग्रेस व नेशनल पैंथर्स पार्टी ने पेट्रोल-डीजल के दाम में वृद्धि व संपत्ति कर लगाने की तैयारी को बड़ा मुद्दा बना लिया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जम्मू संभाग में 30 मार्च तक धरने, प्रदर्शन करने की भी मुहिम भी छेड़ दी है। ऐसा कर कांग्रेस जम्मू क्षेत्र में भाजपा व केंद्र सरकार को घेर रही है। ऐसे हालात में जम्मू पहुंचे गुलाम नबी आजाद ने भी केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए क्षेत्र में विकास के दावे को खोखला बताते हुए करों में वृद्धि को मुद्दा बनाकर स्पष्ट संकेत दिए कि विधानसभा चुनाव होने पर मंहगाई सबसे बड़ा मुद्दा रहने वाला है। पैंथर्स पार्टी ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला है।

अधिकारी पूरी करेंगे बिजली कर्मियों की जरूरतें: जम्मू-कश्मीर में बिजली विभाग के कर्मचारियों की जान जोखिम में पड़ी तो अब फील्ड अधिकारियों पर भी गाज गिरेगी। आए दिन आने वाली बिजली संबंधी समस्याओं का समाधान करने वाले विभाग के फील्ड स्टाफ के पास सुरक्षा संबंधी उपकरणों की कमी पर बिजली विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अब उन्हें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी जिससे खंबों पर चड़कर बिजली की मरम्मत करने वाले कर्मियों की जान दांव पर न लगे। अब लापरवाही से कोई हादसा होने पर फील्ड अधिकारी पर कार्रवाई होगी। बिजली की करंट से बचने के लिए कर्मचारियों के पास पीपीई किट, गल्व्स, जूते व सेफ्टी बेल्ट की कमी है। इसी कमी को दूर करने के लिए पांच करोड़ रूपये मंजूर किए गए हैं। इससे सभी 11 केवीए के फीडर्स पर अर्थिंग राड भी लगेंगे। इन कमियों के कारण कई बिजली कर्मियों की मरम्मत के दौरान हुए हादसों में जान गई है।

मनमानी पर अंकुश: जम्मू कश्मीर में सरकार के कामकाज को पारदर्शी बनाने की मुहिम के तहत अधिकारियों, कर्मचारियों की मनमर्जी करने पर रोक लग रही है। ऐसे में नियम न मानने वाले अधिकारियों को सुधारने की कार्रवाई चल रही है। न सुधरने वाले कर्मचारियों को अब जबरदस्ती सेवानिवृत करने का प्रावधान भी है। ऐसे हालात में सरकार ने ऐसे अधिकारियों, कर्मचारियों को चिन्हित किया है जो नियमों को ताक पर रखकर विदेश धूम लेते थे। नियमों को ताक पर रखकर किए गए इन विदेश दौरे को लेकर सरकार बहुत गंभीर है। कई अधिकारी तो ऐसे भी थे जो सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दिए बिना विदेश में नाैकरी भी कर लेते थे। ऐसे में प्रशासनिक सचिवों को भी सख्त हिदायत दी गई है कि वे ऐसे कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करें। इसके साथ उन्हें यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि आगे से ऐसा नही होना चाहिए।

chat bot
आपका साथी