Jammu: नए निजाम में भूमाफिया पर सख्ती, तीन वर्ष में 27 हजार कनाल वन भूमि अतिक्रमण मुक्त

जम्मू-कश्मीर में 20196 वर्ग किलोमीटर में जंगल हैं। केंद्र शासित प्रदेशन बनने के पहले यह वन क्षेत्र 20230 वर्ग किलोमीटर था जिसमें 36 वर्ग किलोमीटर लेह व कारगिल का भी था। लेह व कारगिल मौजूदा समय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा हैं जो पहले जम्मू कश्मीर राज्य में थे।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 08:25 AM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 08:25 AM (IST)
Jammu: नए निजाम में भूमाफिया पर सख्ती, तीन वर्ष में 27 हजार कनाल वन भूमि अतिक्रमण मुक्त
जम्मू शहर के आसपास वन भूमि पर कब्जे जमाकर कालोनियां बना दी गई हैं।

जम्मू, सुरेंद्र सिंह: जम्मू कश्मीर में वन भूमि को अपनी मलकियत समझने वाले भूमाफिया की कमर पिछले तीन वर्ष में बुरी तरह टूट गई है। वर्ष 2018 में जम्मू कश्मीर में पहले राज्यपाल शासन लागू होने और उसके बाद जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने की मार भूमाफिया पर इस तरह से पड़ी है कि अकेले वन विभाग ने ही इन तीन वर्षों में माफियाओं के कब्जे से 27 हजार वन भूमि मुक्त करवा ली है। इतना ही नहीं, विभाग ने इस दौरान पहली जुलाई 2001 तक राजस्व विभाग से भी अतिक्रमण की गई 47,934 कनाल 12 मरला वन भूमि का रिकार्ड भूमाफियाओं के नाम से रद्द करवाकर अपने नाम करवा लिया है, जो जम्मू कश्मीर में कश्मीर केंद्रित सरकारों के होते असंभव था।

जम्मू कश्मीर में 20,196 वर्ग किलोमीटर में जंगल हैं। केंद्र शासित प्रदेशन बनने के पहले यह वन क्षेत्र 20,230 वर्ग किलोमीटर था, जिसमें 36 वर्ग किलोमीटर लेह व कारगिल का भी था। लेह व कारगिल मौजूदा समय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा हैं, जो पहले जम्मू कश्मीर राज्य में थे। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले 70 वर्ष में भूमाफियाओं ने जम्मू कश्मीर में 2.96 लाख कनाल वन भूमि पर कब्जा जमा लिया और इन भूमाफियाओं में अधिकतर ऐसे लोग थे, जिन्हें सरकारों को पूरा संरक्षण प्राप्त था। वन विभाग के मुताबिक, अब तक 63 हजार लोगों को इस भूमि पर कब्जे के लिए चिह्नित किया गया है। इन लोगों में 13 हजार ऐसे लोग हैं, जिनमें पूर्व मंत्री, नौकरशाह जैसे रसूखदार लोग शामिल हैं, जिनको सरकारों का संरक्षण प्राप्त रहा है। इन लोगों के कब्जे में 13 हजार हेक्टेयर वन भूमि है, जिसमें 9,274 हेक्टेयर जम्मू व 3,644 हेक्टेयर कश्मीर में है।

जम्मू की जनसांख्यिकी बदलने के भी लगते रहे हैं आरोप: जम्मू शहर के आसपास वन भूमि पर कब्जे जमाकर कालोनियां बना दी गई हैं। इन कालोनियों में कश्मीर की काफी आबादी आकर बसी है और इसे लेकर लोग पूर्ववर्ती सरकारों पर जम्मू के जनसांख्यिकी को बदलने के भी आरोप लगाते रहे हैं। जम्मू शहर के भङ्क्षठडी व उसके साथ लगते इलाके वन क्षेत्र हैं, जहां आज बड़े बड़े आलीशान बंगले बन चुके हैं, जिनमें कई बंगले पूर्व मंत्रियों व नौकरशाहों के हैं। इसके अलावा सुंजवां, सिद्दड़ा, रंगूड़ा आदि इलाकों में भी वन भूमि पर कब्जा है, जिसमें कुछ से वन विभाग ने कब्जा भी हटवाया है।

वन विभाग अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को जारी रखे हुए है। इस वर्ष भी पहली अप्रैल से 10 जून तक वन विभाग ने 2,837 कनाल वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाकर अपने कब्जे में लिया है। मुक्त करवाई गई भूमि की हदंबंदी भी की जा रही है, ताकि दोबारा उस पर कोई कब्जा नहीं करने पाए। -संजीव वर्मा, आयुक्त सचिव, वन विभाग

तीन वर्ष में मुक्त करवाई वन भूमि

वर्ष वन भूमि 2018-19 8416 कनाल 2019-20 2912.1 कनाल 2021-21 14186.16 कनाल

जम्मू संभाग में वन भूमि पर कब्जा स्थान कब्जाई गई भूमि जम्मू 11,445.17 कनाल नौशहरा 11,406.2 कनाल रामबन 41,632.32 कनाल राजौरी 39,020 कनाल पुंछ 29,099.13 कनाल

कश्मीर संभाग में वन भूमि पर कब्जा शोपियां 20,297.63 कनाल कुपवाड़ा 9,864.45 कनाल 

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