Jammu Kashmir में पाॅपलर कमीशन का गठन, पॉपलर की खेती को बढ़ावा देने पर जोर
Poplar Commission in Jammu Kashmir अगर हम पॉपलर को बढ़ावा देंगे तो जम्मू कश्मीर से निर्यात किया जा सकता है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिल सकती है। जम्मू कश्मीर में पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : सरकार की तरफ से हाल ही में गठित पाॅपलर कमीशन की बैठक प्रमुख मुख्य वन संरक्षक डॉ मोहित गेरा की अध्यक्षता में हुई। सरकार ने पाॅपलर कमीशन का गठन पाॅपलर की खेती, इस्तेमाल और प्रबंधन व पॉपलर की खेती की नीति तैयार करने के लिए किया है।
देश में अपनी तरह का यह अपना पहला पॉपलर कमीशन है। बैठक में वन विभाग, सोशल फॉरेस्ट्री, शेर- ए -कश्मीर कृषि, विज्ञान, तकनीक विश्वविद्यालय जम्मू, इंडस्ट्री व किसानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर मोहित गेरा ने कहा कि पाॅपलर की खेती जम्मू कश्मीर की जलवायु के लिए प्रतिकूल है और इसकी खेती और उपयोग की आपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि लकड़ी आधारित इंडस्ट्री का 500 करोड़ का आयात होता है।
अगर हम पॉपलर को बढ़ावा देंगे तो जम्मू कश्मीर से निर्यात किया जा सकता है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिल सकती है। जम्मू कश्मीर में पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध हैं। आयोग ने पॉपलर की गुणवत्ता को बढ़ाने, नई किस्में विकसित करने और किसानों को पेश आने वाली समस्याओं पर विचार किया गया। पाॅपल की खेती और इस्तेमाल के लिए कमेटियों का गठन करने पर विचार विमर्श किया गया। गेरा ने किसानों और नर्सरी उत्पादकों में जागरूकता फैलाने पर जोर दिया।
बागवानी से निकलेगी रोजगार की राह : बागवानी विभाग जम्मू के निदेशक राम सावक ने जम्मू संभाग में वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान की जा रही विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में मुख्य बागवानी अधिकारियों और प्रबंधकों ने भाग लिया। इस दौरान विभिन्न एजेंडा बिंदुओं पर चर्चा हुई और अधिकारियों ने विभिन्न विकास योजनाओं के तहत किए गए विभिन्न कार्यों और प्रगति की स्थिति के बारे में निदेशक को अवगत कराया।
उन्होंने सभी अधिकारियों को विभाग की कैपेक्स, एमआईडीएच और पीएमडीपी योजनाओं के तहत नर्सरी के विकास के लिए किए गए कार्यों में तेजी लाने पर जोर दिया। वहीं कहा कि काम समय पर पूरा किया जाना चाहिए। बागवानी निदेशक ने अधिकारियों से कहा कि फल उत्पादकों की परेशानियों को दूर किया जाए और उनकी परेशानियों को सुना जाए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बागवानी के लिए अच्छा वातावरण है। जम्मू संभाग में हर तरह का फल हो सकता है। ऐसे में किसान आगे आएं और बागवानी को बढ़चढ़ कर अपनाएं। इससे किसानों की रोजगार की राह निकल आएगी।