Jammu Kashmir: सरकारी विभागों में मैनपावर आडिट के लिए कमेटी गठित, छह महीनों का समय दिया

कमेटी विभिन्न विभागों में मैनपावर आडिट करवाएगी। इसके लिए कमेटी को सरकारी और निजी एजेंसी का नाम तय करने को कहा गया है। कमेटी उपलब्ध स्टाफ का बेहतर उपयोग करने का भी सुझाव देगी। एजेंसी का नाम पंद्रह दिनों में कमेटी को तय करना होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:35 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:35 AM (IST)
Jammu Kashmir: सरकारी विभागों में मैनपावर आडिट के लिए कमेटी गठित, छह महीनों का समय दिया
छह महीनों के भीतर कमेटी को सभी विभागों का मैनपावर आडिट करवाना है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर सरकार ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी विभिन्न विभागों में मैनपावर आडिट को लागू करवाएगी। कमेटी में गृह विभाग के प्रमुख सचिव को चेयरमैन बनाया गया है। इसके अलावा आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासनिक विभाग के आयुक्त सचिव, खाद्य आपूर्ति विभाग के आयुक्त सचिव, डायरेक्टर जनरल कोड को कमेटी का सदस्य बनाया गया है।

कमेटी विभिन्न विभागों में मैनपावर आडिट करवाएगी। इसके लिए कमेटी को सरकारी और निजी एजेंसी का नाम तय करने को कहा गया है। कमेटी उपलब्ध स्टाफ का बेहतर उपयोग करने का भी सुझाव देगी। एजेंसी का नाम पंद्रह दिनों में कमेटी को तय करना होगा। छह महीनों के भीतर कमेटी को सभी विभागों का मैनपावर आडिट करवाना है।

बुधवार, शनिवार को जिला उपायुक्त जाएं लोगों के बीच: जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को जिला उपायुक्तों से बुधवार और शनिवार को लोगों के बीच जाकर लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करने को कहा। सरकार द्वारा जारी आदेश में सभी विभागों के प्रशासनिक अधिकारियों से कहा है कि वह इन दो दिनों में ऐसा कोई कार्यक्रम न बनाएं जिनमें जिला उपायुक्तों को शामिल किया जाना हो। आदेश में जिला उपायुक्तों से दूरदराज के क्षेत्रों में जाकर लोगों से मिलने को कहा गया है। प्रशासन को लोगों के द्वार पर लेजाकर उनकी समस्याओं का मौके पर ही समाधान करने को कहा गया है। सभी को यह आदेश लागू करने को कहा गया है। 

डीआरडीओ अस्पताल में शुरू हुआ पौधारोपण: आइसीआइसीआइ फाउंडेशन ने डीआरडीओ अस्पताल के सहयोग के साथ अस्पताल परिसर में पौधारोपण अभियान चलाया। अस्पताल के 200 कर्मचारियों ने 240 पौधे लगाए। अभियान मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. नरेंद्र भूटेयाल की देखरेख में चला। उन्होंने अधिक से अधिक पौधे लगाने पर जोर दिया।

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