Jammu Farmers: पॉली हाउस, ग्रीन हाउस में खेती का बढ़ रहा प्रचलन, अच्छी पैदावार के लिए आधुनिक तरीके अपना रहे

पाॅली हाऊस या ग्रीन हाऊस बनाने में मोटा खर्च होता है लेकिन सरकार भी किसानों को 50 फीसद की सब्सिडी उपलब्ध कराती है। ऐसे में ग्रामीण युवा आगे आ रहे हैं व खेती का नया माडल स्थापित कर अन्य किसानों का ध्यान खींच रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 09:15 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 09:15 AM (IST)
Jammu Farmers: पॉली हाउस, ग्रीन हाउस में खेती का बढ़ रहा प्रचलन, अच्छी पैदावार के लिए आधुनिक तरीके अपना रहे
कुलदीप राज शर्मा का ग्रीन हाऊस दूसरे किसानों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: यंत्रित तापमान में सब्जियां, फल उगाने व पौध तैयार करने का प्रचलन अब जम्मू में बढ़ने लगा है। पिछले छह माह में ही जम्मू व सांबा जिले में ही दर्जन भर पॉली हाउस, ग्रीन हाउस किसानों ने स्थापित कर अपनी दिलचस्पी से लोगों को अवगत कराया है।

यह किसान आधुनिक तरीके से खेती कर दूसरे किसानों को हैरान कर रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पॉली हाउस या ग्रीन हाउस में सब्जियां तैयार करने का सबसे बड़ा लाभ यह कि उत्पाद साफ सुधरा रहता है, क्योंकि बाहर से धूल मिट्टी पॉलिहाउस, ग्रीन हाउस के अंदर नही आ पाती। वहीं कीट का भी हमला कम रहता है। पैदावार भी ज्यादा मिलती है। उत्पाद नरम वे देखने में भी बेहतर लगता है जोकि बाजार में अच्छे दाम दिलाता है।

सबसे बड़ी बात यह कि नियंत्रित तापमान होने से विपरीत मौसम में भी सब्जियां, फल, फूलों की पैदावार ली जा सकती है। यही कारण है कि किसान छोटे छोटे ग्रीन हाउस स्थापित कराने में आगे आ रहे हैं। पाॅली हाऊस या ग्रीन हाउस बनाने में मोटा खर्च होता है, लेकिन सरकार भी किसानों को 50 फीसद की सब्सिडी उपलब्ध कराती है। ऐसे में ग्रामीण युवा आगे आ रहे हैं व खेती का नया माडल स्थापित कर अन्य किसानों का ध्यान खींच रहे हैं। मंडाल क्षेत्र के कुलदीप राज शर्मा का ग्रीन हाउस दूसरे किसानों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

वह हर बार ग्रीन हाउस में बैंगन, खीरा तैयार करते हैं और अच्छा पैसा कमाते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीन हाउस में खेती करने ज्यादा फायदेमंद हैं। दूसरी ओर निर्मल सिंह का ग्रीन हाउस भी कई किसानों को अपनी ओर खींच रहा है।

पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस नए जमाने की खेती का हिस्सा हैं। तालाब तिल्लो में कृषि मुख्यालय पर हम ग्रीन हाउस में पनीरी तैयार कर रहे हैं व किसानों तक पहुंचा रहे हैं। यही नही सब्जियां भी तैयार हो रही है। किसानों को भी छोटे छोटे स्तर के ग्रीन हाउस स्थापित करने के लिए प्रयास करने चाहिए। किसान समय पर पनीरी तैयार कर सकता है। वहीं पैदावार भी ले सकता है। - जेसी रैना, कृषि विशेषज्ञ
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