सेना से बर्खास्त सिपाही कर्नल बन बेरोजगार युवाओं से ऐंठ रहा था लाखों, ऐसे फंसा शिकंजे में!

वह युवाओं को सेना में भर्ती करने का झांसा देकर एडवांस में उनसे दो से पांच लाख रुपये लेता था। इसके बाद फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देता था।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 25 May 2019 12:45 PM (IST) Updated:Sat, 25 May 2019 12:45 PM (IST)
सेना से बर्खास्त सिपाही कर्नल बन बेरोजगार युवाओं से ऐंठ रहा था लाखों, ऐसे फंसा शिकंजे में!
सेना से बर्खास्त सिपाही कर्नल बन बेरोजगार युवाओं से ऐंठ रहा था लाखों, ऐसे फंसा शिकंजे में!

जम्मू, जागरण संवाददाता। सेना से निकाले जाने के बाद खुद को कर्नल बताकर युवकों को ठगने वाला एक फर्जी कर्नल को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। आरोपित युवकों को सेना में भर्ती करवाने के नाम पर दो से पांच लाख रुपये लेता था। इतना ही नहीं, फर्जी नियुक्ति पत्र भी देता था। आरोपित की पहचान कुलविंद्र सिंह निवासी देयारन मिश्रीवाला के रूप में हुई है। क्राइम ब्रांच ने उसके सौतेले भाई रिकी चिब व दो अन्य साथियों विशाल भगत निवासी ड्रीम सिटी मुट्ठी और साहिल शर्मा निवासी प्रेस वाली गली जानीपुर को भी पकड़ा है। आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

2017 में सेना से कर दिया गया था बर्खास्त

आरोपित कुलविंद्र सेना में सिपाही था। उसे वर्ष 2017 में बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद उसने खुद को सेना का कर्नल बताकर युवकों को ठगना शुरू कर दिया। वह कर्नल की वर्दी में घूमता था। आरोपित ने बेरोजगारों को फंसाने के लिए पहले पलौड़ा और फिर मुट्ठी कैंप व जानीपुर में कार्यालय खोला। वह युवाओं को सेना में भर्ती करने का झांसा देकर एडवांस में उनसे दो से पांच लाख रुपये लेता था। इसके बाद फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देता था।

युवाओं को फंसाने के लिए नेटवर्क कर रखा था तैयार

आरोपित तक बेरोजगारों को पहुंचाने का काम रिकी चिब करता था। विशाल और साहिल उनके लिए फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करते थे। एसएसपी क्राइम ब्रांच मुश्ताक चौधरी ने बताया कि आरोपित के ठिकाने से लैपटॉप भी बरामद हुआ, जिसकी मदद से वह फर्जी पहचान पत्र व नियुक्ति पत्र तैयार करता था। उसके पास से कर्नल की वर्दी, मेडल, स्टार, सेना का फर्जी पहचान पत्र, सेना की मुहर, बैज, नकदी आदि मिला है। छापे के दौरान उसके कुछ फोटो भी मिले हैं जिनमें वह अपने कार्यालय में कर्नल की वर्दी में बैठा है।

एक युवक को अपने घर में बावर्ची बनाकर रखा

आरोपित ने मोहिंद्र कुमार को अपने घर में पांच महीने तक बावर्ची भी बनाकर रखा। घर में काम करवाने के न तो पैसे दिए और न ही उससे ठगे रुपये लौटाए। जब युवाओं को कहीं से कोई मदद मिलती नहीं दिखी तो वे क्राइम ब्रांच के पास पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई।

ऐसे चढ़ा क्राइम ब्रांच के हत्थे

आरोपित उन युवकों की शिकायत पर दबोचा गया जो ठगी के शिकार बने। क्राइम ब्रांच में मोहिंद्र कुमार निवासी शामाचक झिड़ी व अन्य ने शिकायत दर्ज करवाई कि आरोपित ने स्वयं को सेना की भर्ती विंग में कर्नल बताया है। उसने झांसा दिया कि वह उन्हें सेना में भर्ती करा सकता है। उन लोगों ने उसे अब तक 25 लाख रुपये दे दिए हैं लेकिन अब पता चला है कि वह सेना में अधिकारी नहीं है।

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