गौरी नंदन भगवान गणेश को घर ले जाते रखें इन बातों का विशेष ध्यान Jammu News

दस दिन तक गणोश प्रतिमा का नित्य विधिपूर्वक पूजन किया जाता है और 11वें दिन इस प्रतिमा का बड़े धूमधाम से विसर्जन होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 30 Aug 2019 12:08 PM (IST) Updated:Fri, 30 Aug 2019 12:08 PM (IST)
गौरी नंदन भगवान गणेश को घर ले जाते रखें इन बातों का विशेष ध्यान Jammu News
गौरी नंदन भगवान गणेश को घर ले जाते रखें इन बातों का विशेष ध्यान Jammu News

जम्मू, जागरण संवाददाता। विघ्नहर्ता भगवान श्री गणोश सोमवार, 2 सितंबर को अमंगल को मंगल में बदलने का योग लेकर आ रहे हैं। सिद्धि विनायक व्रत भाद्रपद मास यानी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को रखा जाएगा। गणोश चतुर्थी वैसे तो पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है, जम्मू में भी इस धार्मिक पर्व का अलग ही महत्व है। गणोश चतुर्थी से शुरू होकर अनन्त चतुर्दशी (अनंत चौदस) तक मनाए जाने वाले इस पर्व की धूम 10 दिन तक रहेगी। मान्यता है कि इन दस दिनों के दौरान यदि श्रद्धा एवं विधि-विधान के साथ गणोश जी की पूजा की जाए तो जीवन के समस्त बाधाओं का अंत कर विघ्नहर्ता अपने भक्तों पर सौभाग्य, समृद्धि एवं सुखों की बारिश करते हैं।

दस दिनों तक चलने वाला यह त्योहार आस्था का ऐसा अद्भुत प्रमाण है जिसमें शिव-पार्वती नंदन श्री गणोश की प्रतिमा को घरों, मंदिरों अथवा पंडालों में साज-श्रृंगार के साथ चतुर्थी को स्थापित किया जाता है। कई श्रद्धालु 3 दिन या 5 दिन के लिए गणोश जी की स्थापना करते हैं। वे अपनी श्रद्धा और भक्ति के अनुसार इन दिनों का निर्धारण करते हैं, लेकिन 11 दिन का यह पर्व सवरेत्तम माना गया है। दस दिन तक गणोश प्रतिमा का नित्य विधिपूर्वक पूजन किया जाता है और 11वें दिन इस प्रतिमा का बड़े धूमधाम से विसर्जन होगा।

यह भी रखें ध्यान

भगवान श्री गणोश जी की मूर्ति को घर पर लाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उनकी सूंड बाईं तरफ होनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस तरह की मूर्ति की उपासना करने पर जल्द मनोकामना पूरी होती है। श्री गणोश जी को कभी भी उस दीवार पर स्थापित न करें जो टॉयलेट की दीवार से जुड़ी हुई हों। कुछ परिवार घरों में चांदी के भगवान गणोश स्थापित करते हैं। अगर आपके भगवान गणोश चांदी के हैं, तो इसे उत्तर पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थापित करें। कभी भी सीढिय़ों के नीचे भगवान की मूर्ति को स्थापित न करें।

ऐसे करें श्री गणोश जी का पूजन : सुबह जल्द उठकर स्नान करने के बाद सर्वप्रथम साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर श्री गणोश एवं माता गौरी जी की मूर्ति एवं जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। घी का दीपक, धूपबत्ती जलाएं, रोली, कुमकुम, अक्षत, पुष्प दूर्वा से श्री गणोश, माता गौरी एवं कलश का पूजन करें। उसके बाद श्री गणोश जी का ध्यान और हाथ में अक्षत पुष्प लेकर मंत्र बोलते हुए गणोश जी का आह्वान करें।

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