Jammu Kashmir: तीसरी लहर की रोकथाम के लिए सरकार हुई सक्रिय; एम्स-पीजीआई में मिलेगा विशेष प्रशिक्षण

वित्तिय आयुक्त अटल ढुल्लू के अनुसार ऐसे स्टाफ सदस्यों को एम्स नई दिल्ली पीजीआई चंडीगढ़ और स्किम्स सौरा में प्रशिक्षण दिया जाएगा। ऐसा ही पत्र स्वास्थ्य निदेशक जम्मू और कश्मीर को भी लिखा गया है। आइसीयू में काम करने वाले स्टाफ को तीन-तीन महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 08:04 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 08:07 AM (IST)
Jammu Kashmir: तीसरी लहर की रोकथाम के लिए सरकार हुई सक्रिय; एम्स-पीजीआई में मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
अब स्टाफ को विशेषज्ञ प्रशिक्षण के लिए एम्स, पीजीआई जैसे संस्थानों में भेजने की तैयारी चल रही है।

जम्मू, रोहित जंडियाल: अगर कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आती है तो जम्मू कश्मीर में मरीजों को कोई परेशानी नहीं आएगी। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग अस्पतालों में सुविधाएं तो बढ़ा ही रहा है, साथ ही अब अच्छी सेवाएं और मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए स्टाफ को प्रशिक्षित भी करने की तैयारी है। इसके लिए प्रदेश भर के मेडिकल कालेज और जिला अस्पतालों से स्वास्थ्य कर्मचारियों की सूचियां मांगी गई हैं। तीन माह के प्रशिक्षण के लिए इन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली, पीजीआइ चंडीगढ़ और शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल साइंस (स्किम्स) श्रीनगर भेजा जाएगा। प्रशिक्षण पाने वालों में डाक्टर के साथ पैरामेडिकल व नर्र्सिंग स्टाफ भी शामिल होगा।

जम्मू कश्मीर सरकार ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर पर नजर रखने और इसे रोकने की योजना बनाने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि इंटेसिव केयर यूनिट और गंभीर बीमारी से पीडि़त मरीजों के भर्ती होने वाले स्थानों पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत है। राजकीय मेडिकल कालेजों, जिला अस्पतालों और डीआरडीओ द्वारा तैयार अस्पतालों के आइसीयू में काम करने वाले डाक्टरों, पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ और टेक्नीशियन की प्रतिभा को निखारने की जरूरत है। इसके लिए उन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाए।

समिति के सुझाव के बाद स्वास्थ्य विभाग के वित्तीय आयुक्त ने अटल ढुल्लु ने मेडिकल कालेज जम्मू, श्रीनगर, डोडा, राजौरी, कठुआ, बारामुला और अनतंनाग को पत्र लिखा है। कालेज प्रशासन से कहा गया है कि वह ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों की सूची बनाएं, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जा सके। इस आदेश में ही कहा गया है कि इन स्वास्थ्य कर्मचारियों को एम्स नई दिल्ली, पीजीआइ चंडीगढ़ और स्किम्स श्रीनगर में प्रशिक्षण दिया जाएगा। आदेश के बाद मेडिकल कालेजों के मेडिकल सुपङ्क्षरटेंडेंट और ङ्क्षप्रसिपल स्टाफ की सूची बनाने में लगे हैं। कुछ कालेजों में सूचियां बनकर तैयार भी हो गई हैं।

ऐसा ही एकपत्र स्वास्थ्य निदेशक जम्मू और कश्मीर को भी लिखा गया है। इसमें जिला अस्पतालों के भी स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की बात कही गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार तीन दिन पहले ही सूचियां बनाने को कहा गया था। इस व्यवस्था से उन कर्मचारियों को लाभ होगा जो कि पहले से प्रशिक्षित नहीं हैं।

अधिक से अधिक स्वास्थ्य कर्मी प्रशिक्षित होंगे: स्वास्थ्य विभाग की कोशिश है कि प्रदेश के अस्पतालों के अधिक से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाए। प्रशिक्षण देने के लिए एम्स नई दिल्ली, पीजीआइ चंडीगढ़ और स्किम्स श्रीनगर में बात की गई है। कोशिश है कि जल्द ही प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया जाए। सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए एक साथ नहीं भेजा जाएगा। सभी को बारी-बारी से प्रशिक्षण पर भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी।

दूसरी लहर से सीखा सबक: स्वास्थ्य विभाग को कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज करने में परेशानी हुई थी। वेंटीलेटर तक चलाने में कई कर्मचारी असमर्थ दिखे थे। इस कारण कई अस्पतालों में वेंटीलेटर धूल फांकते रह गए। इसका लोगों ने विरोध किया था। इस बार सरकार कोई भी खतरा नहीं उठाना चाहती है। इसी कारण स्टाफ को विशेषज्ञ प्रशिक्षण के लिए एम्स, पीजीआइ जैसे संस्थानों में भेजने की तैयारी चल रही है।

समिति ने तीन सुझाव दिए थे: कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से बचने और स्थिति संभालने के लिए समिति ने सरकार ने तीन सुझाव दिए हैं। इन तीनों पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने अमल किया है। पहला सुझाव अस्पतालों में ढांचागत सुविधाओं का विस्तार और इसे मजबूत करना था। समिति के सुझाव पर ही सरकार ने कोरोना से बेसहारा हुए बच्चों को संभालने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में टास्क फोर्स के गठन को मंजूरी दी है। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के सुझाव पर अमल शुरू हो गया है।

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