जम्मू-कश्मीर और पंजाब को मिला एक और वैकल्पिक मार्ग, 18 किमी डबल लेन मार्ग राजनाथ ने राष्ट्र को किया समर्पित

जम्मू-कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर से करीब 12 किलोमीटर पहले कठुआ जिले के हाईवे पर स्थित पल्ली मोड़ को पठानकोट जिले के बमियाल को नगरी परोल से जोड़ा गया है। 18 किलोमीटर लंबे मार्ग में से 14 किलोमीटर कठुआ जिले में करीब चार किलोमीटर पंजाब के बमियाल क्षेत्र में बना है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:15 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:15 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर और पंजाब को मिला एक और वैकल्पिक मार्ग, 18 किमी डबल लेन मार्ग राजनाथ ने राष्ट्र को किया समर्पित
पठानकोट के अलावा पंजाब के अमृतसर रोड पर दीनानगर से लिंक जुड़ेगा।

कठुआ, जागरण संवाददाता: जम्मू-कश्मीर को पड़ोसी राज्य पंजाब से जोड़ने के लिए एक और वैकल्पिक मार्ग मिल गया है। जम्मू संभाग के कठुआ जिले में 47 करोड़ की लागत से तैयार हुए पल्ली मोड़ डोगरा मंदिर से नगरी-बमियाल (पठानकोट) तक के करीब 18 किलोमीटर डबल लेन मार्ग को वीरवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आनलाइन राष्ट्र को समर्पित किया। अरुणाचल प्रदेश में आयोजित एक समारोह से रक्षा मंत्री ने दो साल में इस मार्ग को तैयार करने पर बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन के साथ स्थानीय लोगों को भी शुभकामनाएं दीं।

जम्मू-कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर से करीब 12 किलोमीटर पहले कठुआ जिले के हाईवे पर स्थित पल्ली मोड़ को पठानकोट जिले के बमियाल को नगरी परोल से जोड़ा गया है। 18 किलोमीटर लंबे मार्ग में से 14 किलोमीटर कठुआ जिले में और करीब चार किलोमीटर पंजाब के बमियाल क्षेत्र में बना है। जहां से पठानकोट के अलावा पंजाब के अमृतसर रोड पर दीनानगर से लिंक जुड़ेगा।

जाम से मिलेगा छुटकारा, टोल भी नहीं : डबल लेन मार्ग बनने से अब अमृतसर या पठानकोट से जम्मू आने-जाने वाले यात्री लखनपुर में जाम आदि होने पर इस वैकल्पिक मार्ग से भी आ सकते हैं। इसके अलावा इस मार्ग का कठुआ जिले के नगरी क्षेत्र की करीब 50 हजार और पंजाब के बमियाल क्षेत्र की इतनी ही आबादी को जम्मू कश्मीर में आने जाने का सीधा लाभ मिलेगा। इससे पहले भी यह ङ्क्षलक मार्ग था, लेकिन अब इसे डबल लेन हाईवे जैसा बना दिया गया है। इस मार्ग पर फिलहाल कोई टोल भी नहीं है।

सेना की मूवमेंट होगी आसान : सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस मार्ग से पंजाब के सीमांत क्षेत्र को कठुआ व सांबा जिला के सीमांत्र क्षेत्रों से जोड़ा गया है। सीमांत क्षेत्र में किसी भी आपात स्थिति में सेना को एक जगह से दूसरी जगह मूव करने में सहायता मिलेगी।

पंजाब जाने का चौथा विकल्प मिला : कठुआ जिला को पंजाब से जोड़ने के लिए यह चौथा विकल्प मिला है। इससे पहले वर्ष 2019 में रावी दरिया पर किडिय़ां गंडयाल पुल बनने से पंजाब को कठुआ से जोड़ा गया था। उससे पहले वर्ष 2014 के आखिर में बसोहली से अटल सेतु का पंजाब से रावी दरिया पर बने पुल से लिंक जुड़ा था। जबकि लखनपुर कई दशक पहले से एक ही पंजाब को जोड़ने वाला सड़क मार्ग है।

सेना को भी होगा फायदा : डा. जितेंद्र सिंह - प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कठुआ को पंजाब से जोडऩे वाली सीमांत पल्ली मोड़-बमियाल सड़क बनने से स्थानीय लोगों के साथ सेना व सीमा सुरक्षाबल को भी फायदा होगा। सड़क के उद्घाटन के मौके पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े डा. जितेंद्र सिंह ने बाद में एक बयान में बताया कि ऊधमपुर-डोडा संसदीय क्षेत्र में पिछले पांच साल में सीमा सड़क संगठन ने सड़कों व पुलों के 200 से अधिक प्रोजेक्ट बनाए हैं। सीमा सड़क संगठन महत्वकांक्षी छत्रगला टनल प्रोजेक्ट भी बनाएगा। यह टनल बनने से लखनपुर से डोडा तक पहुंचने का सफर चार घंटे में पूरा हो जाएगा। 

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