Terrorism in J&K: जैश ने पुलवामा दोहराने की रची साजिश, आदिल डार के भाई को सौंपा जिम्मा, सुरक्षाबलों ने छेड़ा तलाशी अभियान
जैश-ए-मोहम्मद ने फिर से पुलवामा जैसा हमला दोहराने की साजिश रची है। साजिश को अमलीजामा पहनाने का जिम्मा पुलवामा कांड को अंजाम देने वाले आत्मघाती आतंकी आदिल डार के चचेरे भाई समीर को सौंपा गया है। समीर इस समय दक्षिण कश्मीर में कहीं छिपा हुआ बताया जा रहा है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और सभी प्रमुख कमांडरों के मारे जाने से हताश कैडर को फिर से खड़ा करने के लिए जैश-ए-मोहम्मद ने एक बार फिर पुलवामा जैसा कायरतापूर्ण हमला दोहराने की साजिश रची है। इस साजिश को अमलीजामा पहनाने का जिम्मा भी पुलवामा कांड को अंजाम देने वाले स्थानीय आत्मघाती आतंकी आदिल डार के चचेरे भाई समीर डार को सौंपा गया है।
बताया जा रहा है कि वह वाहन बम बना रहा है। आतंकी संगठन की साजिश को नाकाम बनाने के लिए प्रदेश में विशेषकर वादी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसके साथ ही जैश के प्रभाव वाले इलाकों में विशेष तलाशी अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक गणतंत्र दिवस से लेकर पुलवामा हमले की बरसी के आस-पास जैश-ए-मोहम्मद किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। यह हमला किस तरह होगा यह अभी पता नहीं चला जा सका है। आशंका है कि यह आइईडी धमाका कर सकते हैं या सुरक्षा शिविर पर आत्मघाती हमला कर सकते हैं।
वर्ष 2018 से सक्रिय 10 लाख का इनामी समीर डार इस समय पुलवामा जिले में ही अपने किसी सेफ हाउस में छिपा हुआ है। दक्षिण कश्मीर में जैश की कमान संभाल रहे समीर अहमद डार ने कथित तौर पर 20 किलो आरडीएक्स से एक सिलेंडर आइईडी भी तैयार की है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक जैश एक वाहन बम भी तैयार करने का प्रयास कर रहा है।
यहां बता दें कि 14 फरवरी 2019 को जैश के आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से लदी कार के साथ श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित लित्तर में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद सुरक्षाबलों ने वादी में जैश के खिलाफ अपना अभियान तेज करते हुए उसके सभी प्रमुख कमांडरों को मार गिराया था। कश्मीर में सक्रिय पुलवामा हमले की साजिश में शामिल रहे लगभग सभी आतंकी मारे जा चुके हैं। इस साजिश में लिप्त ओवरग्राउंड वर्कर भी पकड़े जा चुके हैं।
सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और चौकसी के चलते जैश फरवरी 2019 के बाद कोई बड़ी आतंकी वारदात का कश्मीर में अंजाम नहीं दे पाया। बीते साल वादी में मारे गए 221 आतंकियों में 40 जैश से ताल्लुक रखते थे। इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद के लगभग एक दर्जन आतंकी व ओवरग्राउंड वर्कर भी पकड़े गए हैं। बीते साल सुरक्षाबलों ने जैश के करीब छह बड़े कमांडरों को मार गिराया जिनमें पाकिस्तानी सेना का भगौड़ा फौजी भी शामिल है।
कई बार आइईडी हमले की साजिश रची
जैश ने दो बार बड़े आइईडी धमाकों की साजिश भी रची, लेकिन सुरक्षाबलों की सक्रियता से इसे विफल कर दिया गया। बीते साल वादी में आतंकियों ने 15 आइईडी धमाके करने का प्रयास किया था।
फिर कैडर को सक्रिय कर रहा जैश
खुफिया सूत्रों के मुताबिक जैश अब फिर से वादी में अपने कैडर को सक्रिय कर रहा है। वह 26 जनवरी के मौके पर या फिर अगले माह 14 फरवरी को पुलवामा हमले की बरसी के आस-पास बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश में लगा है। इस साजिश को अमल में लाने का जिम्मा पुलवामा के गुंडीपोरा के रहने वाले आतंकी समीर अहमद डार को सौंपा गया है। समीर पुलवामा के आत्मघाती आतंकी आदिल का चचेरा भाई है।
पूरे जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाई
आतंकी संगठन द्वारा रची जा रही साजिश को देेखते हुए प्रदेश में विशेषकर कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है। जैश व अन्य आतंकी संगठनों के साथ सहानुभूति रखने वाले शरारती तत्वों और आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर को चिह्नित कर उनकी गतिविधियों की निगरानी की जा रही है। समीर डार व उसके साथियों को पकडऩे के लिए उनके सभी संभावित ठिकानों पर छापा डाला जा रहा है। खुफिया नेटवर्क को सक्रिय करने के साथ इलेक्ट्रानिक सर्वेलांस को भी बढ़ाया गया है।