पाक सेना के कमांडरों की मदद से जैश और लश्कर ने किया ड्रोन हमला, NIA ने विस्फोटक के सैंपल दिल्ली भेजे

अतिसंवेदनशील जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में रविवार तड़के ड्रोन हमले के बाद जांच एजेंसियों ने जांच में पाकिस्तान का फिर पर्दाफाश किया है। उन्होंने जांच में पाया है कि इस हमले में पाक समर्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठनों का हाथ रहा है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 29 Jun 2021 07:51 AM (IST) Updated:Tue, 29 Jun 2021 07:51 AM (IST)
पाक सेना के कमांडरों की मदद से जैश और लश्कर ने किया ड्रोन हमला, NIA ने विस्फोटक के सैंपल दिल्ली भेजे
ड्रोन हमले की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) को आधिकारिक तौर पर सौंप दी गई है।

जम्मू, अवधेश चौहान : अतिसंवेदनशील जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में रविवार तड़के ड्रोन हमले के बाद जांच एजेंसियों ने जांच में पाकिस्तान का फिर पर्दाफाश किया है। उन्होंने जांच में पाया है कि इस हमले में पाक समर्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठनों का हाथ रहा है। इन आतंकी संगठनों के जम्मू में सक्रिय ओवर ग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) ने हमले को अंजाम दिया है। इन्हें ड्रोन उड़ाने की तकनीक और जीपीएस फिट करने और हथियार गिराने की महारत हासिल है।

सूत्रों का कहना है कि ड्रोन हमले की साजिश में पाकिस्तान सेना के शीर्ष कमांडर भी शामिल हैं जिन्होंने पाक की खुफिया एजेंसी व आतंकी संगठनों की पूरी मदद की। अप्रैल में ड्रोन से भारत को कैसे निशान बनाने पर पाक के शीर्ष कमांडरों की बैठक भी हुई थी। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पाकिस्तान ने लगातार ड्रोन की घुसपैठ तेज कर रखी है। पाक की खुफिया एजेंसी जैश और लश्कर के आतंकियों को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण भी दे रही है। बताया जाता है कि एयरफोर्स स्टेशन में संभवत: क्वाड कॉप्टर्स ड्रोन का इस्तेमाल किया है। यह ड्रोन आसानी से बाजार से खरीदा जा सकता है। इस ड्रोन का इस्तेमाल इराक और सीरिया में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए होता रहा है। यह आसानी करीब पांच किलो तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम होता है। इसकी रेंज तीन किलोमीटर तक होती है। इनकी उड़ान इतनी नहीं होती इसलिए यह आसानी से रडार में भी नहीं आते।

टीआरएफ आतंकी के साथियों पर शक

एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के मामले में पुलिस ने पूछताछ के लिए दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। रविवार को जम्मू के बठिंडी से पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्कवॉड कहे जाने वाले द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) आतंकी नदीम उल हक निवासर बनिहाल को गिरफ्तार कर पांच किलो आइईडी बरामद की थी। पुलिस इस थ्योरी पर भी काम कर रही है कि कहीं टीआरएफ आतंकी के साथियों का हाथ ड्रोन हमले में न हो। पुलिस इस बारे में चुप्पी साधे हुए है। ड्रोन की हमले की जांच में जुटे सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने भी नदीम से भी पूछताछ की है।

एयरफोर्स के रडार में नहीं आया ड्रोन

ड्रोन हमले की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) को आधिकारिक तौर पर सौंप दी गई है। एनआइए टीम ने एयरफोर्स स्टेशन में घटना स्थल का दौरा कर यह जानने की कोशिश की कि क्या एयरफोर्स के रडार में ड्रोन गतिविधियों को पकड़ा है। सूत्रों का कहना है कि रडार में ड्रोन की गतिविधियों को नहीं पकड़ा है। ऐसा माना जा रहा है कि ड्रोन छोटा था और यह काफी नीचे उड़ान भर रहा था।

एनआइए ने घटनास्थल से नक्शे की मूवमेंट का खाका उतार। मौके पर से मिले विस्फोट के छर्रों के अलावा पीतल का एक टुकड़ा भी बरामद किया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह बम का टुकड़ा है। एनआइए ने मौके से मिले इन सुरागों को भी एकत्रित कर उन्हें जांच के लिए दिल्ली फारेंसिक लैब में भेजा है। एयरफोर्स स्टेशन के आसपास के इलाकों में पुलिस और सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया। ऐसी आशंका है कि ड्रोन आसपास के क्षेत्र से ही उड़ाया गया है। पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बल के जवान साथ सटे क्षेत्रों में तलाशी अभियान में जुटे हैं।  

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