Jammu Kashmir: पीएसए पर सरकार को पक्ष रखने के निर्देश, एक महीने का समय मिला

पब्लिक सेफ्टी एक्ट को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने सरकार को इसमें अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए है। इस जनहित याचिका में कहा गया कि पीएसए कानून भारतीय संविधान में संशोधन के खिलाफ है

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:43 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:43 PM (IST)
Jammu Kashmir: पीएसए पर सरकार को पक्ष रखने के निर्देश, एक महीने का समय मिला
जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने सरकार को इसमें अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए।

जम्मू, जेएनएफ । पब्लिक सेफ्टी एक्ट को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने सरकार को इसमें अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए है। इस जनहित याचिका में कहा गया कि पीएसए कानून भारतीय संविधान में संशोधन के खिलाफ है और भारत सरकार इस संशोधन को लागू करने के लिए संवैधानिक रूप से बाध्य है।

इस पर बेंच ने एडवोकेट जनरल को नोटिस जारी करते हुए एक महीने के भीतर पक्ष रखने का निर्देश दिया। जनहित याचिका में कहा गया कि जो संशोधन किया गया है, उसके अनुसार शुरूआत में पीएसए केवल दो महीने के लिए लगाया जा सकता है और इसके लिए जो कमेटी गठित होगी, उसका चेयरपर्सन प्रदेश का चीफ जस्टिस होगा या फिर हाईकोर्ट का जस्टिस। जनहित याचिका में कहा गया कि इस संशोधन को जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं किया गया जबकि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह संशोधन सीधे लागू होना चाहिए था।

जमानत अर्जी खारिज

हाईकोर्ट ने एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार अब्दुल माजिद की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। केस के मुताबिक 28 अप्रैल 2019 को रामबन पुलिस ने श्रीनगर से जम्मू आ रही एक कार को रोका था और तलाशी के दौरान आरोपित के कब्जे से 10-12 किलो चरस बरामद हुई थी।

यह चरस आगे की सीट के नीचे छिपा कर रखी गई थी। आरोपित के कब्जे से व्यवसायिक मात्रा में मादक पदार्थ जब्त होने पर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।

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