Jammu Kashmir: जेल विभाग ने कैदियों को दिया गणतंत्र दिवस का तोहफा, दस माह बाद परिवार वालों से कर पाएंगे मुलाकात
अब करीब 10 माह कैदी फिर अपने परिवार वालों की सूरत देख सकेंगे। जेल प्रशासन ने कैदियों से मुलाकात करने के लिए आने वाले उनके रिश्तेदारों को अपने साथ कोरोना जांच रिपोर्ट लेकर आना अनिवार्य किया है। कोरोना जांच रिपोर्ट दो दिन से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
जम्मू, जागरण संवाददाता : गणतंत्र दिवस के मौके पर जेलों में बंद कैदियों को जेल विभाग ने परिवार से मिलने की छूट देकर एक तरह से नायाब तोहफा दिया है। दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण कैदियों की परिवार वालों से मुलाकात बंद कर दी गई थी। अब करीब 10 माह कैदी फिर अपने परिवार वालों की सूरत देख सकेंगे। जेल प्रशासन ने कैदियों से मुलाकात करने के लिए आने वाले उनके रिश्तेदारों को अपने साथ कोरोना जांच रिपोर्ट लेकर आना अनिवार्य किया है। कोरोना जांच रिपोर्ट दो दिन से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
सभी जेल सुपरिंटेंडेंट को कैदी और उनके परिवार की मुलाकात करवाने की तैयारियां करने के लिए कह दिया गया है। मुलाकात करने वाले कमरे को लगातार सैनिटाइज करने और वहां पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाने व अन्य जरूरी प्रबंध करने के निर्देश दे दिए गए हैं। गणतंत्र दिवस के नजदीक आने पर कैदियों को अपने रिश्तेदारों से मिलने की इजाजत दे दी जाएगी। जेल विभाग के इस फैसले से कैदी खुशी के मारे उछल पड़े हैं, वहीं उनके परिवार वाले भी खुश हैं। जेल विभाग ने यह राहत तब दी है, जब हालात लगभग सामान्य होने लगा है।
ज्ञात रहे कि संभाग की सबसे बड़ी दो जेले जिला जम्मू में हैं, जिनमें एक कोट भलवाल जेल और दूसरी जेल अबंफला है। कोट भलवाल में 675 के करीब कैदी हैं, जबकि अंबफला जेल में 650 के कैदी बंद हैं। इनमें कुछ कैदी कश्मीर के और कई विदेशी भी शामिल हैं। लॉकडाउन शुरू होते ही 24 मार्च, 2020 को कैदियों की उनके परिजनों से मुलाकात बंद कर दी गई थी। दरअसल, जिला जेल कोरोना वायरस से एक सौ से अधिक कैदी और जेल कर्मी संक्रमित हो गए थे। सौभाग्य रहा कि सभी संक्रमित कोरोना को मात दे दिए थे।