195th Gunners Day : दुश्मन काे निशाना बनाने को हरदम पर तैयार रहेंगी भारतीय तोपें, सेना ने लिया प्रण

सेना की उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाइके जोशी ने मंगलवार को गनर्स डे पर हर चुनौती का सामना करने को तैयार सेना की आर्टिलरी के जवानों पूर्व सैनिकों व उनके परिजनों को बधाई दी।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:34 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 06:34 PM (IST)
195th Gunners Day : दुश्मन काे निशाना बनाने को हरदम पर तैयार रहेंगी भारतीय तोपें, सेना ने लिया प्रण
जम्मू से लेकर सियाचिन ग्लेशियर तक सेना ने अपनी शहीदों को याद कर जोश के साथ गर्नस डे मनाया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की सरहदों पर तैनात सेना की तोपें दुश्मन पर सटीक निशाना लगाने के लिए हरदम तैयार रहेंगी। सेना के गनर्स देश के खिलाफ किसी भी साजिश का मुंहतोड़ जवाब देंगे। सेना की आर्टिलरी रेजीमेंट के जवानों ने यह प्रण मंगलवार को 195वें गनर्स डे पर लिया। जम्मू से लेकर सियाचिन ग्लेशियर तक सेना ने अपनी शहीदों को याद कर जोश के साथ गर्नस डे मनाया।

सेना की उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाइके जोशी ने मंगलवार को गनर्स डे पर हर चुनौती का सामना करने को तैयार सेना की आर्टिलरी के जवानों, पूर्व सैनिकों व उनके परिजनों को बधाई दी। उत्तरी कमान मुख्यालय उधमपुर के ध्रुव वार मेमोरियल में कमान के चीफ आफ स्टाफ व कर्नल आफ द आर्टिलरी रेजिमेंट, लेफ्टिनेंट जनरल हरिमोहन ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल हरिमोहन अय्यर ने कहा है कि सेना के हर गनर की जिम्मेवारी बनती है कि वह सुनिश्चित करे कि गरजने वाली हर तोप समय आने पर अपने लक्ष्य को निशाना बनाए।

उत्तरी कमान मुख्यालय के साथ जम्मू संभाग की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना की सोलह कोर, कश्मीर की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना की पंद्रह कोर व लद्दाख की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही सेना की चौदह कोर व अन्य सैन्य फारमेशनों ने भी गनर्स डे पर कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों का शरुआत सेना के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। सेना की आर्टिलरी रेजीमेंट की पहली यूनिट की स्थापना 28 सितंबर 1827 को हुई थी।

शरुआत में आर्टिलरी के पास 2.5 इंच आर्टिलरी गन होती थी। रेजीमेंट के स्थापना दिवस को गनर्स डे के रूप में मनाया जाता है। आज भारतीय सेना की आर्टिलरी के बेड़े में दुनिया के आधुनिकतम हथियार हैं। जम्मू कश्मीर व लद्दाख में आर्टिलरी ने दुश्मन को कई बार अपने सटीक प्रहारों से मजा चखाया है। कारगिल युद्ध में सेना की आर्टिलरी ने चोटियाें पर कब्जा करने वाली पाकिस्तान सेना पर गोले दाग कर उसकी बुनियाद हिला दी थी। इस समय भी जम्मू कश्मीर व लद्दाख में सेना की आर्टिलरी पाकिस्तान व चीन को अपने निशाने पर रखे हुए हैं।

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