Jammu Kashmir: शाहपुर कंडी प्रोजेक्ट से भारत को मिलेगा सिंधु जल संधि का अपने हिस्से का पानी

प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि शाहपुर कंडी डैम प्रोजेक्ट बनने से भारत काे सिंधु जलसंधि के तहत अपने हिस्से का पानी मिलने लगेगा। पूरी उम्मीद है कि नवंबर 2022 तक यह प्रोजेक्ट तैयार हो जाएगा।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 06:58 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 06:58 PM (IST)
Jammu Kashmir: शाहपुर कंडी प्रोजेक्ट से भारत को मिलेगा सिंधु जल संधि का अपने हिस्से का पानी
वर्ष 1960 की सिंधु जल संधि के तहत भारत को ब्यास, रावी व सतलुज नदी का नियंत्रण मिला था।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि शाहपुर कंडी डैम प्रोजेक्ट बनने से भारत काे सिंधु जलसंधि के तहत अपने हिस्से का पानी मिलने लगेगा। पूरी उम्मीद है कि नवंबर 2022 तक यह प्रोजेक्ट तैयार हो जाएगा। वर्ष 1960 की सिंधु जल संधि के तहत भारत को ब्यास, रावी व सतलुज नदी का नियंत्रण मिला था।

नवंबर 2022 तक प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद

वहीं पाकिस्तान काे चिनाब, झेलम व सिंधु नदी का नियंत्रण मिला था। शाहपुर कंडी प्रोजेक्ट के अभाव में रावी नदी का भारत के हिस्से का पानी भी पाकिस्तान को मिल रहा था। अब प्रोजेक्ट बनने पर जम्मू संभाग के कठुआ जिले के कंडी इलाकों को पानी मिलेगा।

डा जितेन्द्र वीरवार को दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।सिंह ने कहा कि कई दशकों से रुका पड़ा यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों के कारण शुरू हुआ है। उन्होंने सिंधु जल संधि की इस खामी को ठीक कर सही मायनों में संधि को लागू बनाने के लिए कार्य किया। पहले गलतफहमियों या फिर राजनीतिक कारणों से प्रोजेक्ट को नजरअंदाज किया गया। ऐसे में जब भी पाकिस्तान की गोलाबारी होती थी तो स्थानीय नेता यह मांग उठाते थे कि पाकिस्तान का पानी बंद किया जाए। उन्हें अंदाजा नही था कि डैम के अभाव में पाकिस्तान सारा पानी ले रहा था।

यह मुद्दा प्रधानमंत्री की नजर में लाने के बाद तुरंत कार्रवाई हुई।सिंह ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के 75वें साल में यह तोहफा मिलने के बाद कठुआ व सांबा के कंडी इलाके कंडी नही रहेगा। इन इलाकों में पानी होने सेबच्चों का भविष्य बेहतर होगा। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट का 63 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। प्रोजेक्ट बनने से सांबा व कठुआ जिलों में 32000 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी।

वहीं पंजाब के पठानकोट में 5000 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। उन्होने कहा कि इस प्रोजेक्ट से रावी नदी में ग्रेविटी से पानी आने से भी सामाजिक आर्थिक विकास होगा। उन्होंने बताया कि शाहपुर कंडी प्रोजेक्ट रंजीत सागर डैम से 11 किलोमीटर नीचे की ओर व माधोपुर से 8 किलोमीटर नदी के बहाव के उपरी ओर बन रहा है। रावी नदी के बचे हुए 1378 मीटर हिस्से में काम जारी है।

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