Jammu Farmers : मवेशियों में तेजी से बढ़ रहा मुंह व खुर पका रोग, किसानों की चिंता बढ़ी

गर्मियाें का सीजन खत्म होने के बाद सर्द दिनाें की शुरूआत होने के साथ ही कंडी क्षेत्र में पालतू दुधारू मवेशियों के इस रोग से ग्रस्त होने का सिलसिला शुरू हो गया। गाय भैंस बैल बछड़ों को इस रोग ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 09:50 AM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 09:50 AM (IST)
Jammu Farmers : मवेशियों में तेजी से बढ़ रहा मुंह व खुर पका रोग, किसानों की चिंता बढ़ी
मवेशियों को इस रोग से सुरक्षित रखने के लिए हर ब्लाक स्तर पर टीकाकरण अभियान जारी हैं।

रामगढ़, संवाद सहयोगी : विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के कंडी बेल्ट एरिया में बेजुबान मवेशियों में मुंह व खुर पका रोग उनकी सेहत पर असर डाल रहा है। पिछले कुछ दिनों में दर्जनों दुधारू मवेशी इस रोग का शिकार होकर जिंदगी की जंग हार चुके हैं। अभी भी क्षेत्र में हजारों दुधारू मवेशी इस रोग से ग्रस्त हैं जिनको उपचार देकर किसान उनकी जिंदगी को सुरक्षित बनाए रखने का काम कर रहे हैं।

गर्मियाें का सीजन खत्म होने के बाद सर्द दिनाें की शुरूआत होने के साथ ही कंडी क्षेत्र में पालतू दुधारू मवेशियों के इस रोग से ग्रस्त होने का सिलसिला शुरू हो गया। गाय, भैंस, बैल, बछड़ों को इस रोग ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिन मवेशियों को यह रोग लग रहा है, उनका खाना-पीना बंद हो रहा है। बिना कुछ खाए अधिक दिनों तक जीवित रहना बेजुबानों के लिए कड़ी चुनौती साबित हो रहा है। यही कारण है कि कंडी क्षेत्र में इस रोग से आए दिन दर्जनों मवेशी मर रहे हैं और दूध उत्पादक किसानों को गहरी चिंता सताने लगी है।

दुधारू मवेशियों की इस रोग से हो रही मृत्यु दर पर चिंता जताते हुए किसान सरूप सिंह, गुलशन सिंह, नरेश कुमार, मोहन लाल, गिरधारी लाल, गुरदास चंद, नजीर अहमद, सादिक अली, रफीक अहमद, सोनू अन्य ने कहा कि हर साल वेटनरी विभाग की तरफ से बेजुबानों को रोग मुक्त बनाए रखने के लिए टीकाकरण अभियान चलाए जाते हैं। लेकिन जब इस तरह के रोग मवेशियों पर हावी होते हैं तो उनकी जिंदगी को सुरक्षित रखना मवेशी पालकों के लिए चुनौती बन जाता है। हाल ही में इस तरह के रोग रहित टीकाकरण अभियान हर तरफ चले।

मगर जमीनी स्तर पर उनका कोई असर देखने को नहीं मिला। मौजूदा समय में मवेशियों को मुंह खुर रोग ने मौत की दहलीज पर खड़ा कर रखा है। पता नहीं कब किस बेजुबान की इस रोग से मृत्यु हो जाए और मवेशी पालक किसान को हजारों का नुकसान उठाना पड़ जाए। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन इस तरह के रोगों से मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए कारगर नीतियां अपनाए, ताकि बेजुबानों की जिंदगी पर किसी रोग का खतरा न बने। वहीं इस संदर्भ में रामगढ़ वेटनेरी अस्पताल इंचार्ज डा. सुनील डोगरा ने कहा कि मवेशियों को इस रोग से सुरक्षित रखने के लिए हर ब्लाक स्तर पर टीकाकरण अभियान जारी हैं।

रामगढ़ में अलग-अलग वेटनेरी विशेषज्ञ टीमें अपनी इस को अंजाम तक पहुंचाने के लिए गांव-गांव पहुंच रही हैं। वहीं अगर कंडी क्षेत्र में मवेशियों का इस रोग से अधिक नुकसान हो रहा है तो मवेशी पालक अपने खुद के टोटकों को अपनाते हुए पोटाशियम पाउडर से मवेशियों के मुंह व खुर को साफ करके जख्मरोधक दवाई का इस्तेमाल करें। आमला का जूस निकाल कर मवेशियों को पिलाएं और अगर मवेशी आमला खाना पसंद करें तो उसे उनकी खुराक बनाएं। इस तरह से बेजुबानों की जिंदगी की रक्षा की जा सकती है, बाकी विभागीय स्तर पर टीकाकरण अभियानों को प्राथमिकता से अंजाम देने की ब्लाक स्तर हिदायतें जारी हैं।

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