जम्मू कश्मीर में इंजीनियरिंग कालेजों में एक हजार से अधिक सीटें रह गई खाली

रैंक 2176 को 1172 वी सीट मिली है। सरकारी कालेजों में तो सीटें भर गई है मगर प्राइवेट कालेजों में सीटें खाली रह गई है। एक हजार से अधिक सीटें खाली रह गई है। युवाओं का रुझान जम्मू कश्मीर के स्थानीय कालेजों में कम हो रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 11:59 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:59 AM (IST)
जम्मू कश्मीर में इंजीनियरिंग कालेजों में एक हजार से अधिक सीटें रह गई खाली
अगर कोई उम्मीदवार दाखिला नहीं लेता है तो उसकी जानकारी बोर्ड को देनी होगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर के प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेजों में एक हजार से अधिक सीटें खाली रह गई हैं। बोर्ड आफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन ने दाखिला प्रक्रिया संपन्न कर दी है। इस बार एंट्रेस टेस्ट नहीं लिया गया। बारहवीं कक्षा के अंकों पर मेरिट बनाया गया। करीब 2300 युवाओं ने आवेदन किया था। सीटें 2400 के करीब थी। यह तय था कि हर एक को दाखिला मिल जाएगा लेकिन काउंसलिंग में 1172 सीटें ही भर पाई है।

रैंक 2176 को 1172 वी सीट मिली है। सरकारी कालेजों में तो सीटें भर गई है मगर प्राइवेट कालेजों में सीटें खाली रह गई है। एक हजार से अधिक सीटें खाली रह गई है। युवाओं का रुझान जम्मू कश्मीर के स्थानीय कालेजों में कम हो रहा है। जेईई मेन परीक्षा देकर अधिकतर बाहरी राज्यों का रुख कर रहे है वहीं प्रधानमंत्री विशेष स्कालरशिप योजना के तहत पांच हजार सीटें है, जिनमें अधिकतर युवा भाग्य आजमाते है। जिन विद्यार्थियों का मेरिट नब्बे फीसद से अधिक है, वे प्रधानमंत्री विशेष स्कालरशिप योजना के तहत होने वाली काउंसलिंग का इंतजार कर रहे है।

बोर्ड ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि जिन उम्मीदवारों के प्रोविजनल दाखिले हुए हैं, उन्हें पांच अक्टूबर 2021 तक असली दस्तावेजों के साथ संबंधित इंजीनियरिंग संस्थानों में जाना होगा। वहां पर डोमिसाइल प्रमाणपत्र, बारहवीं कक्षा की मार्क्सशीट, दसवीं का डिप्लोमा, श्रेणी प्रमाणपत्र, पहचान पत्र दिखाने होंगे। संस्थानों के अध्यक्षों को दाखिलों का रिकार्ड रखना होगा और अगर कोई उम्मीदवार दाखिला नहीं लेता है तो उसकी जानकारी बोर्ड को देनी होगी।

बताते चले कि तीन चार साल पहले बोर्ड की तरफ से लिए जाने वाले एंट्रेंस टेस्ट के लिए बारह पंद्रह हजार आवेदन जमा होते थे और सीटाें के लिए मारामारी होती थी मगर अब हालात बदल चुके हैं। अधिकतर विद्यार्थियों की कोशिश होती है कि वे जेईई मेन परीक्षा पास करके देश के प्रतिष्ठित कालेजों में दाखिला हासिल करें ताकि भविष्य में रोजगार के साधन बेहतर हों। 

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