Corona Vaccine in Jammu Kashmir: करीब 70 फीसद स्वास्थ्य कर्मियों ने ही करवाया टीकाकरण, तीसरे चरण की तैयारियां तेज

श्रीनगर जिले में चालीस फीसद से भी कम स्वास्थ्य कर्मी टीके लगवाने के लिए आगे आए। जम्मू संभाग में उधमपुर सांबा कठुआ जिलों में नब्बे फीसद के करीब कर्मचारियों ने अपना टीकाकरण करवाया। संभाग में किश्तवाड़ जिले में सबसे कम स्वास्थ्य कर्मी आगे आए।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 10:35 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 10:35 AM (IST)
Corona Vaccine in Jammu Kashmir: करीब 70 फीसद स्वास्थ्य कर्मियों ने ही करवाया टीकाकरण, तीसरे चरण की तैयारियां तेज
विभिन्न प्रकार के रोगों से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण की तैयारी चल रही है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने अधिक उत्साह नहीं दिखाया। विभागीय अधिकारियों के बार-बार अनुरोध के बावजूद करीब 70 फीसद स्वास्थ्य कर्मचारी ही टीकाकरण के लिए आगे आए। तीस फीसद कर्मचारियों ने टीकाकरण नहीं करवाया। अब विभाग एक मार्च से प्रस्तावित तीसरे चरण की तैयारियों में जुट गया है।

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में 1,16,129 स्वास्थ्य कर्मियों ने टीकाकरण के लिए अपना पंजीकरण करवाया हुआ है। इनमें से करीब 74 हजार स्वास्थ्य कर्मियों कोरोना वैक्सीन के टीके लगवा लिए हैं। अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके लगवाने से मना कर दिया। जम्मू जिले में जहां 80 फीसद स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके लगवाए।

वहीं श्रीनगर जिले में चालीस फीसद से भी कम स्वास्थ्य कर्मी टीके लगवाने के लिए आगे आए। जम्मू संभाग में उधमपुर, सांबा, कठुआ जिलों में नब्बे फीसद के करीब कर्मचारियों ने अपना टीकाकरण करवाया। संभाग में किश्तवाड़ जिले में सबसे कम स्वास्थ्य कर्मी आगे आए। वहीं कश्मीर में शोपियां जिले में सबसे अधिक स्वास्थ्य कर्मी टीकाकरण के लिए आगे आए। अब एक मार्च से साठ साठ से अधिक उम्र के लोगों और विभिन्न प्रकार के रोगों से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण की तैयारी चल रही है।

विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी से जूझ रहा जम्मू: जम्मू संभाग में इस समय बेशक चार सरकारी और एक निजी मेडिकल कालेज चल रहे हैं लेकिन विशेषज्ञ डाक्टरों की अभी भी कमी बनी हुई है। सुपर स्पेयालिटी अस्पताल जम्मू में विशेषज्ञ डाक्टरों के साठ फीसद पद रिक्त पड़े हुए हैं। नेफरालोजी विभाग में स्वास्थ्य विभाग से डाक्टर को डेपुटेशन पर नियुक्त किया गया है। चेस्ट डिजिजेस, न्यूरोलाजी, न्यूरो सर्जरी, मनोरोग विभागों में भी डाक्टरों की कमी बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग में भी उप जिला अस्पतालों और जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी बनी हुई है। बाल रोग विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, किडनी रोग विशेषज्ञों की सभी अस्पतालों में कमी है। स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में मेडिकल आफिसर्स की नियुक्ति की थी लेकिन बावजूद इसके कमी बनी हुई है। 

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