Ram Leela In Jammu : आखिर बुराई पर अच्छाई की जीत हुई, रावण वध के साथ संपन्न हुई रामलीला

Ram Leela In Jammu सैनिक कालोनी में शुक्रवार को मंचित राम लीला के पहले दृश्य में रावण दरबार में अंगद का दृश्य दर्शाया गया। जिसमें पहले तो अंगद रावण को समझाते हैं कि वह भगवान राम से समझौता कर ले और सीता माता को लौटा दें।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 11:22 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 11:22 AM (IST)
Ram Leela In Jammu : आखिर बुराई पर अच्छाई की जीत हुई, रावण वध के साथ संपन्न हुई रामलीला
रावण वध के साथ ही शारदीय नवरात्र पर मंचित राम लीला का समापन हुआ।

जम्मू, जागरण संवाददाता : झूठ पर सच्चाई की जीत, बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है। इस बात को समझाने के लिए मंचित राम लीला शुक्रवार को भगवान राम द्वारा रावण सहित लंका के बलशाली राक्षसों का वध के साथ संपन्न हुई।

श्री राम लीला क्लब सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था सैनिक कालोनी की ओर से शुक्रवार को मंचित राम लीला में श्री राम सेना और रावण सेना के मध्य युद्ध के दृश्य दर्शाए गए। युद्ध में अंहकारी रावण अपनी सेना सहित मारा गया। वर्षाे से राम लीला का मंचन कर यही समझाने का प्रयास किया जाता आ रहा है कि हर व्यक्ति को अपने अंदर की बुराइयों को अपने विनाश का कारण नहीं बनने दिया जाना चाहिए।

सैनिक कालोनी में शुक्रवार को मंचित राम लीला के पहले दृश्य में रावण दरबार में अंगद का दृश्य दर्शाया गया। जिसमें पहले तो अंगद रावण को समझाते हैं कि वह भगवान राम से समझौता कर ले और सीता माता को लौटा दें। लेकिन रावण की धमकियों और भगवान राम और लक्ष्मण को कमजोर बनवासी बताने और उन्हें उन्हें कुछ पल में हरा देने जैसी बातें करने पर अंगद रावण के दरबार में बैठे सभी को चेतावनी देता है कि भगवान राम को हराना तो दूर आप उनके एक भक्त अंगद का पांव ही उठा कर दिखा दें। इससे सभी को भगवान राम की शक्ति का अहसास हो जाएगा।

जब सभी लोग पांव को हिला भी नहीं सकते तो रावण स्वयं पांव उठाने आते हैं। इस पर अंगद कहते हैं कि वह उनके पांव पड़ने के बजाए भगवान राम की शरण में चला जाए तो बेहतर होगा। लेकिन अहंकारी रावण नहीं मानता और युद्ध करने उतरता है। एक-एक कर उसके सभी सभी राक्षस योद्धा चित हो जाते हैं। आखिर रावण भी मारा जाता है। इसके साथ ही शारदीय नवरात्र पर मंचित राम लीला का समापन हुआ।

अंगद की भूमिका विकास भंद्राल, मेघनाद की भूमिका नितिन शर्मा, कुंभकर्ण की भूमिका सत्य भंद्राल ने निभाई। राम की भूमिका रंजीत, लक्ष्मण की भूमिका उदय, रावण की राजेंद्र, हनुमान की भूमिका चंदन ने निभाई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संत कुमार ने सभी कलाकारों और आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के सांस्कृतिक आयोजन हमें अपनी जडा़ें से जोडे़ रखते हैं। कर्नल केएस भड़वाल विशेष अतिथि थे।

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