कोरोनों की दोनों वैक्सीन, मास्क और दो गज की दूरी ओमिक्रान से बचाव के लिए है जरूरी

कोरोना महामारी और उसके नए वेरिएंट ओमिक्रान से घबराने की नहीं बचे रहने की जरूरत है। यह तभी होगा जब सभी कोविड-19 एसओपी का पूरा पालन करें। उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट ने अब हमारे देश में भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:29 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:29 PM (IST)
कोरोनों की दोनों वैक्सीन, मास्क और दो गज की दूरी ओमिक्रान से बचाव के लिए है जरूरी
ओमिक्रान से संक्रमित होता है तो वह ज्यादा गंभीर बीमार नहीं होगा, उसे हल्का बुखार आ सकता है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रान से अगर बचना है तो कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेना जरूरी है। जिन्होंने दोनों डोज ली है, उन्हें संक्रमित तो कर सकता है, लेकिन उनके लिए यह घातक साबित नहीं होता। यह दावा डाक्टर्स एसोसिएशन आफ कश्मीर (डीएके) के अध्यक्ष और इन्फ्लुएंजा विशेषज्ञ डा. निसार उल हसन ने किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस नए वेरिएंट से बचाव के लिए टीकाकरण, मास्क और दो गज की दूरी बहुत जरूरी है।

दैनिक जागरण के साथ फोन पर बातचीत में डा. निसार उल हसन ने कहा कि कोरोना महामारी और उसके नए वेरिएंट ओमिक्रान से घबराने की नहीं बचे रहने की जरूरत है। यह तभी होगा जब सभी कोविड-19 एसओपी का पूरा पालन करें। उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट ने अब हमारे देश में भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने कोविड-19 के दोनों डोज ली हैं, तो उस पर इसका असर कम होगा। अगर ऐसा व्यक्ति ओमिक्रान से संक्रमित होता है तो वह ज्यादा गंभीर बीमार नहीं होगा, उसे हल्का बुखार आ सकता है। उन्होंने कहा कि मैं यह ओमिक्रान से संक्रमित लोगों की शुरुआती जांच और उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर कह रहा हूं।

उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज ली है, उनमें ओमिक्रान के हल्के लक्षण मिले हैं। इनमें से अधिकांश मरीजों का उपचार घर में ही हुआ और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरुरत नहीं पड़ी है। ओमिक्रान से संक्रमित जिन लोगों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है, या जिने तेज बुखार हुआ है, उन सभी ने टीका नहीं लगवाया था।

डा. निसार उल हसन ने कहा कि यूरोप में शुरु में जो 70 मामले सामने आए हैं, उनमें से आधे मरीजों में इसके लक्षण नहीं थे और अन्य में हल्के से लक्षण नजर आए थे। कोई भी गंभीर रूप से बीमार नहीं हुआ और न उनमें से किसी को अस्पताल ले जाने की जरुरत नहीं पड़ी और न किसी की मौत हुई है। इन सभी ने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की दोनों डोज ली थी। इसके अलावा इनका व्यवहार भी कोविड-19 एसओपी के तहत था।

दोनों वैक्सीन लेने वालों पर भी ओमिक्रोन का हमला हो सकता है, लेकिन खतरा कम है : उन्होंने कहा कि हमारे देश में अभी तक ओमिक्रान के 21 मामले सामने आए हैं। यह सभी बिना लक्षण वाले थे या फिर इनमें बीमार के बड़े ही हल्के लक्षण मिले हैं। इनमें से अधिकांश ने कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज ली हैं। उन्होंने कहा कि यह कहना पूरी तरह गलत होगा कि जिन्होंने दोनों डोज ली है, ओमिक्रान उन पर हमला नहीं करेगा। उन पर भी इस वेरिएंट का हमला हो सकता है और हुआ है, लेकिन यह हमला घातक नहीं है। जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की देानों डोज ली है, वह आेमिक्रान से संक्रमित होने पर ज्यादा बीमार नहीं हुए हैं, उन्हें अस्पताल ले जाने की जरुरत नहीं पड़ी है। उनकी मौत भी नहीं हुई है।

डा. निसार उल हसन ने कहा कि अभी ओमिक्रान के संक्रमितों की संख्या बहुत कम है,इसलिए इसे लेकर किसी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचना अभी सही नहीं होगा। इसके लिए हमें अभी और डेटा चाहिए होगा और इसमें समय लग सकता है तभी पता चलेगा कि यह कितना घातक है। अभी हम जो बात कर रहे हैं, वह इसकी शुरुआत के आधार पर कर रहे हैं। फिलहाल, कोरोनों की दोनों वैक्सीन, मास्क और दो गज की दूरी ओमिक्रान से बचाव के लिए जरूरी है।

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