Illegal Mining In Jammu : मुख्य सचिव से मिले रंधावा, खनन ब्लाक रद करने का मुद्दा उठाया
Illegal Mining In Jammu रंधावा ने झेलम दरिया से खनन ब्लाक को रद करने के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि जम्मू क्षेत्र में तवी नदी में खनन के ब्लाक भी रद होने चाहिए। उन्होंने जम्मू में खनन के सारे ब्लाक रद करने की मांग की।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: पूर्व एमएलसी और प्रदेश भाजपा के सचिव चौधरी विक्रम रंधावा ने श्रीनगर में जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता से मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों को उठाया। रंधावा ने मुख्य सचिव के समक्ष रहबर-ए-खेल नीति, नई एक्साइज नीति और खनन से संबंधित मामलों को उठाया।
रंधावा ने झेलम दरिया से खनन ब्लाक को रद करने के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि जम्मू क्षेत्र में तवी नदी में खनन के ब्लाक भी रद होने चाहिए। उन्होंने जम्मू में खनन के सारे ब्लाक रद करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि पढ़े लिखे युवाओं को रहबर-ए-खेल नीति के तहत नियुक्त किया था। युवाओं को वेतन बहुत कम मिल रहा है। उन्होंने अध्यापकों के बराबर वेतन दिए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नेशनल यूथ कोर स्वयंसेवियों पर केंद्र सरकार ने काफी पैसा खर्च किया लेकिन अभी तक स्वयंसेवियों को कहीं पर रोजगार दिलाने के प्रबंध नहीं किए गए।
नई एक्साइज नीति का जिक्र करते हुए कहा कि जिनके पास एक दुकान थी उनके पास अब कोई नहीं रही है और वह जमीन पर आ गए हैं।
रोजगार की मांग को लेकर डेंटल डाक्टरों का प्रदर्शन : बेरोजगार डेंटल डाक्टरों ने सोमवार को एक बार फिर अंबफला में रोजगार की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। डेंटल डाक्टरों का आरोप था कि बार-बार मांग करने के बावजूद सरकार उन्हें रोजगार नहीं दे रही है। उन्होंने सरकार से उनके लिए पद सृजित करने की मांग की।
डेंटल सर्जन एसोसिएशन जम्मू और कश्मीर के बैनर तले यह बेरोजगार डाक्टर अंबफला में डेंटल कालेज के बाहर एकद्धित हुए। उन्होंने रोजगार न देने पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना था कि बारह वर्ष पहले अंतिम बार सरकार ने डेंटल सर्जनों के पद सृजित किए थे। इसके बाद सरकार ने डेंटल सर्जनों को रोजगार नहीं दिया । उन्होंने कहा कि हर साल सौ से अधिक उेंटल सर्जन सिर्फ जम्मू-कश्मीर में बीडीएस करते हैं। इस कारण बेरोजगार होने वाले डाक्टरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सैकड़ों युवा ट्रेनिग करने के बाद रोजगार की तलाश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार 7500 लोगों के पीछे एक डेंटल डाक्टर होना चाहिए, लेकिन यहां पर स्थिति विकराल है।बेरोजगार डाक्टरों का कहना था कि रोजगार की मांग को लेकर वह आमरण अनशन तक कर चुके हैं। सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी मांग पूरी की जाएगी मगर अभी तक ऐसा नहीं हुआ। एसोसिएशन के प्रधान डा. राहुल कौल ने सरकार से बेरोजगार डाक्टरों को रोजगार देने की मांग की।