Kishtwar Cloudburst: 70 साल तक अनदेखी, प्राकृतिक आपदा के बाद याद आई दच्छन तहसील
चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट के प्रभावितों की नियुक्ति प्राकृतिक आपदा में बहे-तबाह हुए घरों को बनवा कर देने प्राइमरी हेल्थ सेंटर दच्छन को उपजिला अस्पताल बनाने सौंदर में प्राइमरी हेल्थ सेंटर बनाने की मांग की। मृतकों के स्वजनों को दस लाख रुपये राहत राशि देने की मांग भी की।
जागरण संवाददाता, जम्मू : सरकारी अनदेखी तंग आकर किश्तवाड़ जिले की दच्छन तहसील के दूरदराज के लोग शुक्रवार को जम्मू पहुंचे। यहां पर उन्होंने क्षेत्र की अनदेखी को लेकर प्रशासन पर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से आज तक दच्छन के इलाकों की किसी ने सुध नहीं ली। लेकिन अब प्राकृतिक आपदा आई है तो दच्छन तहसील विश्व भर में सुर्खियों में आ गई है।
जम्मू पत्रकारों को संबोधित करते हुए दच्छन तहसील के डा. बाल कृष्ण ठाकुर ने कहा कि किश्तवाड़ जिले की दच्छन तहसील के गांव हंजर में आई प्राकृतिक आपदा से साफ हो गया है कि सरकार की तरफ से दूरदराज इलाकों में ऐसे कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं कि आपातस्थिति में लोगों को राहत पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे यहां सिर्फ बीएसएनएल का टावर है। कभी-कभार ही फोन चलते हैं। प्राइमरी हेल्थ सेंटर भी 15 किलोमीटर चलकर ही पहुंचा जा सकता है।
सड़कों की हालत तो पूछो ही मत। उन्होंने सरकार से डंगधोरू-दच्छन रोड को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत जल्द बनवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि छह साल में सिर्फ पांच-छह किलोमीटर मार्ग ही बन पाया है। उन्होंने प्राकृतिक आपदा के मृतकों के स्वजनों को पांच के बजाय दस लाख रुपये राहत राशि देने की मांग की।
चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट के प्रभावितों की नियुक्ति, प्राकृतिक आपदा में बहे-तबाह हुए घरों को बनवा कर देने, प्राइमरी हेल्थ सेंटर दच्छन को उपजिला अस्पताल बनाने, सौंदर में प्राइमरी हेल्थ सेंटर बनाने की मांग भी की। इसके अलावा दच्छन में डिग्री कालेज व आइटीआइ कालेज खोलने, तहसीलदार को एसडीएम के अधिकार देने, दच्छन क्षेत्र में बिजली देने, दच्छन को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और क्षेत्र में बीएसएनएल सेवा को नियमित करने की मांग की।