Jammu Kashmir: हुर्रियत ने की मीरवाइज मौलवी उमर फारुक की रिहाई की मांग, रमजान में नजरबंदी को दुर्भाग्यपूर्ण करार ठहराया

ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस ने शुक्रवार को मीरवाइज मौलवी उमर फारुक की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि पाक रमजान के दौरान भी कश्मीर के प्रमुख मजहबी नेता को घर में नजरबंद रखा जाना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। मीरवाइज उमर फारुक हुर्रियत के उदारवादी गुट के चेयरमैन हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 06:47 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 06:47 PM (IST)
Jammu Kashmir: हुर्रियत ने की मीरवाइज मौलवी उमर फारुक की रिहाई की मांग, रमजान में नजरबंदी को दुर्भाग्यपूर्ण करार ठहराया
मीरवाइज मौलवी उमर फारुक हुर्रियत के उदारवादी गुट के चेयरमैन हैं।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस ने शुक्रवार को मीरवाइज मौलवी उमर फारुक की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि पाक रमजान के दौरान भी कश्मीर के प्रमुख मजहबी नेता को घर में नजरबंद रखा जाना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। मीरवाइज मौलवी उमर फारुक हुर्रियत के उदारवादी गुट के चेयरमैन हैं।

हुर्रियत चेेयरमैन को 4 अगस्त 2019 की रात को नजरबंद किया गया था

हुर्रियत चेेयरमैन को 4 अगस्त 2019 की रात को नजरबंद किया गया था। इसके करीब तीन माह बाद उनकी नजरबंदी भी समाप्त करने का पुलिस ने दावा किया था, लेकिन वह घर में कथित तौर पर नजरबंद रहे। बीते साल नवबंर में जिला विकास परिषद क चुनावों के मद्देनजर उन्हें प्रशासन ने दोबारा नजरबंद बनाया था और 4 मार्च 2021 को उन्हें दोबारा रिहा करने का फैसला हुआ, लेकिन जामिया मस्जिद में हिंसक प्रदर्शनों के कारण यह टल गया।

हुर्रियत कांफ्रेंस ने आज यहां अपने एक बयान में कहा है कि पाक रमजान के पहले शुक्रवार को एतिहासिक जामिया मस्जिद का मिंबर खाली रहा है, क्योंकि मीरवाइज मौलवी उमर फारुक घर में नजरबंद होने के कारण अपने मजहबी फर्ज को पूरा करने के लिए मस्जिद में नहीं आ सके। वह कश्मीर के सबसे बड़े मजहबी नेता हैं और जामिया मस्जिद में नमाज ए जुम्मा और अन्य अहम मौकों पर उनका खुतबा हाेता है।

मीरवाइज मौलवी उमर फारुक को घर में नजरबंद रखे हुए 20 माह बीत गए हैं

हुर्रियत कांफ्रेंस के मुताबिक, कोरोना महामारी के इस संकट में दुआ की सबसे ज्यादा जरुरत है, जामिया मस्जिद के मिंबर को पूरी तरह खामोश किया गया है। मीरवाइज मौलवी उमर फारुक को घर में नजरबंद रखे हुए 20 माह बीत गए हैं। सरकार का यह कठोर रवैया निंदनीय है। सरकार के इन हथकंडों से कश्मीरियो में मुख्यधारा के प्रति विमुखता ही बढ़ेगी और उनमें अपने हक को पाने का जज्बा, सब्र मजबूत होता। 

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