Jammu : वर्षों से गिरे पंचायत घर से मजबूत पंचायती राज व्यवस्था की कल्पना कैसे

गिरे हुए पंचायत घर को देखकर उस पंचायत के विकास कार्यों के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। हद तो यह है कि कई बार पंचायत प्रतिनिधि तहसील प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन और मंडल प्रशासन के अधिकारी तक इस मुद्दे को उठा चुके हैं

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:31 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:31 PM (IST)
Jammu : वर्षों से गिरे पंचायत घर से मजबूत पंचायती राज व्यवस्था की कल्पना कैसे
बिश्नाह तहसील की सबसे बड़ी पंचायत कनाल के पंचायत घर की इमारत छह साल पहले ही गिर चुकी है।

बिश्नाह, संवाद सहयोगी : जिस पंचायत का पंचायत घर कई साल से गिरे हों, वह खुद जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा हो तो भला वहां बेहतर पंचायती राज व्यवस्था की कल्पना कैसे की जा सकती है। गिरे हुए पंचायत घर को देखकर उस पंचायत के विकास कार्यों के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। हद तो यह है कि कई बार पंचायत प्रतिनिधि तहसील प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन और मंडल प्रशासन के अधिकारी तक इस मुद्दे को उठा चुके हैं, लेकिन कोई पंचायत घर बनवाने की दिशा में पहल नहीं कर रहा है।

बिश्नाह तहसील की सबसे बड़ी पंचायत कनाल के पंचायत घर की इमारत छह साल पहले ही गिर चुकी है। बाकी मैदान पर इतनी ज्यादा झाड़ियां उग आई हैं कि उसमें सांप-कीड़े घूमते दिखते हैं। ऐसे में पंचायत के विकास के लिए ग्रामसभा लगानी हो तो कहां पर लगाया जाए, यह गंभीर सवाल है। पंचायत प्रतिनिधि पंचायत घर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकते, क्योंकि पंचायत घर का आधा से ज्यादा हिस्सा टूट कर गिर चुका है और बाकी हवा में लटक रहा है।

ऊपर से मैदान में इतनी झाड़ियां उग आई हैं कि वहां अक्सर सांपों को घूमते देखा गया है। जो पंचायत खुद के लिए पंचायत घर को तरस रहा हो, वहां पर बाकी विकास भला कैसा होगा? यह सवाल पंचायत के एक पंच वकील सिंह ने उठाया। उन्होंने कहा कि उन्हें अपना पंचायत घर दिखकर शर्म आती है। लोगों के मसले सुलझाने के लिए पंचायत घर के बजाय सड़क पर ही बैठ कर बैठकें करनी पड़ती हैं। क्योंकि पंचायत घर गिरे हुए छह साल हो गए हैं। बाकी हिस्से में बैठककर किसी तरह की मीटिंब करना जान जोखिम में डालने के बराबर है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए कई बार ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी बिश्नाह, जम्मू के डीसी और डिवकाम को भी अवगत कराया और पंचायत घर बनवाने का मुद्दा उठाया। इस पंचायत में सात गांव आते हैं, लेकिन सात गांव के पंच-सरपंच एक साथ कहीं बैठकर लोगों की फरियाद नहीं सुन सकते। लोग सरपंच-पंचों के घर पर ही आकर बात करते हैं। लिहाजा प्रशासन से मांग है कि जल्दी से जल्दी यहां पर एक पंचायत घर का निर्माण करवा कर दें ताकि लोगों के मसले यहां हल किए जा सकें। बाकी हवा में लटक रहे पंचायत घर को तोड़ा जाए नहीं तो वहां कोई हादसा हो सकता है।

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