Jammu : स्थायी रोजगार की मांग को लेकर धरने पर बैठे होमगार्ड जवान
होमगार्ड जवानों की मांग का समर्थन करते हुए इंप्लाइज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के पदाधिकारी भी इस धरने में शामिल हुए।उनका आरोप है कि हर सरकार ने उन्हें स्थायी रोजगार देने का वादा तो किया लेकिन आज तक जमीनी स्तर पर अपना वादा पूरा करने के लिए कदम नहीं उठाए।
जम्मू, जागरण संवाददाता : स्थायी रोजगार की मांग को लेकर जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में कार्यरत होमगार्ड जवानों ने शनिवार को गांधी नगर ग्रीन फील्ड पार्क में अपनी मांग को लेकर धरना दिया। होमगार्ड जवानों की मांग का समर्थन करते हुए इंप्लाइज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के पदाधिकारी भी इस धरने में शामिल हुए। होमगार्ड जवान पिछले दो दशकों से स्थायी किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका आरोप है कि हर सरकार ने उन्हें स्थायी रोजगार देने का वादा तो किया लेकिन आज तक किसी ने भी जमीनी स्तर पर अपना वादा पूरा करने के लिए कदम नहीं उठाए।
ऑल जेएंडके होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष कमला शर्मा व इंप्लाइज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन बाबू हुसैन मलिक की अगुआई में इन होमगार्ड जवानों ने अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी की। कमला शर्मा ने इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके हक में फैसला सुनाते हुए सभी जवानों को स्थायी करने का निर्देश दिया था लेकिन जम्मू-कश्मीर में इस आदेश को आज तक लागू नहीं किया गया।
शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि पुलिस विभाग में कांस्टेबल को जो न्यूनतम वेतन मिलता है, उस वेतन पर होमगार्ड जवानों को भी स्थायी किया जाए लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा। कमला शर्मा ने कहा कि आज पुलिस विभाग के एक कांस्टेबल को तीन हजार रुपये प्रति दिन तक वेतन मिलता है और उन्हें पूरे महीने काम करने पर भी इतना वेतन नहीं मिलता। शर्मा ने कहा कि कांस्टेबल व होमगार्ड जवान एक जैसा काम करते हैं लेकिन उनके साथ लगातार नाइंसाफी हो रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में होमगार्ड जवानों को 21,360 रुपये, पुडुचेेरी में 23,731 रुपये, चंडीगढ़ में 38,000 रुपये व लक्ष्यद्वीप में 19,260 रुपये वेतन मिलता है। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कार्यरत होमगार्ड जवानों को भी अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के होमगार्ड जवानों की तरह सम्मानजनक वेतन देने की मांग की।