Jammu Kashmir: स्कूलों में छुट्टियां खत्म, शुरू हो गई आनलाइन क्लासें

ऐसे में अभिभावक अभी आनलाइन कक्षाएं ही चलाए जाने की मांग कर रहे हैं। अगर आनलाइन ही कक्षाएं आगे भरी जारी रहेगी तो स्कूल भी बच्चों की अर्द्ध् वार्षिक परीक्षा आनलाइन ही लेंगे लेकिन स्कूलों ने बच्चों को परीक्षा की तैयारी के संकेत दे दिए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 10:00 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 10:00 AM (IST)
Jammu Kashmir: स्कूलों में छुट्टियां खत्म, शुरू हो गई आनलाइन क्लासें
सरकारी स्कूलों के अध्यापक अपनी डयूटी पर स्कूलों में हाजिर हो गए हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू संभाग के समर जोन में आने वाले स्कूलों में पड़ी गर्मियों की छुट्टियां सोमवार को खत्म हो गई। 48 दिनों की छुट्टियां होने के चलते स्कूल बंद थे और बच्चों की आनलाइन कक्षाएं भी इन छुट्टियों में नहीं ली गई। वहीं सोमवार को छुट्टियां खत्म होने के बाद स्कूलों ने एक बार फिर अपनी आनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी हैं और बच्चे एक बार फिर अपने मोबाइल व लैपटाप लेकर इन कक्षाओं में उपस्थित हो गए हैं।

शिक्षा निदेशालय जम्मू ने आदेश जारी कर आठ जून से जम्मू संभाग के समर जोन के अधीन आने वाले सभी बारहवीं तक के स्कूलों में 48 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की थी। यह छुट्टियां 25 जुलाई तक थीं जिनकी अवधि रविवार को समाप्त हो गई। छुट्टियां खत्म होने के बाद अब स्कूल बच्चों की अर्द्ध् वार्षिक परीक्षा लेने की तैयारी में जुट गए हैं। स्कूल प्रबंधक सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

सरकार ने स्कूलों को बच्चों की हाजिरी के लिए 31 जुलाई तक बंद रखा है। 31 जुलाई के बाद पता चलेगा कि स्कूलों में बच्चों को बुलाने की अनुमति मिलती है या नहीं। हालांकि अभिभावक अभी बच्चों को स्कूल भेजने के हक में नहीं है क्योंकि आशंका है कि कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है और उसके प्रभाव में सबसे ज्यादा बच्चों के ही आने की संभावना है।

ऐसे में अभिभावक अभी आनलाइन कक्षाएं ही चलाए जाने की मांग कर रहे हैं। अगर आनलाइन ही कक्षाएं आगे भरी जारी रहेगी तो स्कूल भी बच्चों की अर्द्ध् वार्षिक परीक्षा आनलाइन ही लेंगे लेकिन स्कूलों ने बच्चों को परीक्षा की तैयारी के संकेत दे दिए हैं। उधर सोमवार को छट्टियां खत्म होने के बाद सरकारी स्कूलों के अध्यापक अपनी डयूटी पर स्कूलों में हाजिर हो गए हैं।

वे वहीं से अपनी आनलाइन कक्षाएं लेंगे जबकि निजी स्कूलों के अधिकतर शिक्षक अभी भी घरों से ही बच्चोें को पढ़ा रहे हैं।  

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