Militancy in Kashmir : मां-बाप की पुकार सुन आत्मसमर्पण को तैयार था फैसल पर उसके कमांडर ने ऐसा नहीं करने दिया
Militancy in Kashmir नाबालिग आतंकी दसवीं कक्षा का छात्र था और शोपियां जिले के ही जैनपोरा के एक निजी स्कूल में पढ़ता था। इस वर्ष छह अप्रैल को वह अपने घर से कुछ सामान लेने के लिए निकला थ। वह वापस घर नहीं लौटा। उसके स्वजन हर जगह तलाशते रहे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : कश्मीर में कैडर की कमी से जूझ रहे आतंकी संगठनों को युवा ठेंगा दिखा रहे हैं तो दहशतगर्दों ने नाबालिगों को आतंक के जाल में फंसाना शुरू कर दिया। शोपियां जिले के चित्रीगाम कलन में शनिवार-रविवार को मुठभेड़ की जो तस्वीर सामने आई है, वह हैरान करने वाली रही। इस मुठभेड़ में 14 वर्षीय आतंकी भी मारा गया है। वह चित्रीगाम कलन का ही रहने वाला था।
मुठभेड़ के दौरान अपने माता-पिता की पुकार सुनकर वह हथियार डालने के लिए तैयार हो गया था, लेकिन उसके सामने बैठा अलबदर का जिला कमांडर आसिफ शेख ने उसे डरा-धमकाकर आत्मसमर्पण ही नहीं करने दिया। अंतत: शेख के साथ नाबालिग आतंकी भी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में मारा गया।
दक्षिणी कश्मीर में शोपियां जिले के चित्रीगाम और अनंतनाग जिले के बिजबिहाड़ा में मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने पांच आतंकी ढेर किए हैं। तीन आतंकी चित्रीगाम और दो आतंकी बिजबिहाड़ा में मारे गए हैं। चित्रीगाम में मारे आतंकियों में नाबालिग भी शामिल है। वह दसवीं कक्षा का छात्र था और शोपियां जिले के ही जैनपोरा के एक निजी स्कूल में पढ़ता था। इस वर्ष छह अप्रैल को वह अपने घर से कुछ सामान लेने के लिए निकला थ।
इसके बाद वह वापस घर नहीं लौटा। उसके स्वजन हर जगह तलाशते रहे और जब नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया। शनिवार की शाम जब चित्रीगाम में मुठभेड़ शुरू हुई तो उसमें आतंकियों के साथ वह भी नजर आया। तब पता चला कि वह आतंकी संगठन अलबदर में शामिल हो गया है।
नाबालिग आतंकी के बारे में सुरक्षाबलों को जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत ही उसके परिवार से संपर्क किया। उसके स्वजन मुठभेड़ स्थल पर बुलाए और और उनसे आत्मसमर्पण करने की अपील कराई। मां-बाप की मार्मिक अपील का नाबालिग पर असर हुआ और वह आत्मसमर्पण करने के लिए राजी हो गया, लेकिन उसके साथ मौजूद अलबदर कमांडर आसिफ शेख ने उसे बहकाना शुरू दिया। रात भर उसके स्वजन और सुरक्षाबल के जवान आतंकियों के आत्मसमर्पण करने का इंतजार करते रहे।
बहनों और दादी का वास्ता देते रहे मां-बाप: नाबालिग के पिता और मां ने रविवार की सुबह फिर से आत्मसमर्पण की अपील की। उन्होंने रोते हुए अपील की कि वह अपने मां-बाप के लिए लौट आए। हथियार छोड़ दे। उसकी चारों बहनें उसका इंतजार कर रही हैं। वह इकलौता भाई है। बूढ़ी दादी तेरी राह देख रही है। खुदा के वास्ते वह लौट आए। नई जिदंगी इंतजार कर रही है। लेकिन नाबालिग आतंकी अलबदर कमांडर आसिफ शेख के दबाव में आत्मसमर्पण नहीं कर सका और फिर उसने खुद ही लौटने से इन्कार कर दिया। इसके बाद अंतत: सुरक्षाबलों को कार्रवाई तेज करनी पड़ी। इसमें दोनों मारे गए। यहां एक आतंकी शनिवार को ही ढेर कर दिया गया था। नाबालिग आतंकी को आत्मसमर्पण करने के लिए कई बार अपील की गई, लेकिन उसके साथी ने उसे आत्मसमर्पण नहीं करने दिया। उसके स्वजन को भी मुठभेड़ स्थल पर लाया गया था। माता-पिता ने उसे बार-बार आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन उसने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। - विजय कुमार, आइजीपी, कश्मीर पूरे समाज की जिम्मेवारी है। हमारी नई पीढ़ी पर बढ़ते आतंक के साए के बीच हम आंख बंद कर नहीं रह सकते। आतंक के पोषण और मासूमों के मन मस्तिष्क में जहर भरने की साजिशों को रोकना ही होगा। हम सब मिलकर यह कर भी सकते हैं। - इम्तियाज हुसैन, एसएसपी