Jammu Kashmir: नकारा अधिकारियों की पहचान प्रशासन के उच्च स्तर से होनी चाहिए : हर्षदेव
उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील की कि जिला व संभाग स्तर पर प्रशासन चलाने में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ अधिकारियों में से नकारा अधिकारियों की पहचान की जाए। उन्होंने कहा कि उच्च स्तर के अधिकारियों के खिलाफ छोटे कर्मियों की तुलना में अधिक शिकायतें हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने कहा है कि नकारा अधिकारियों की पहचान प्रशासन के उच्च स्तर से होनी चाहिए। उन्होंने विभिन्न विभागों में नकारा कर्मचारियों की पहचान के लिए उपायुक्तों को आदेश जारी करने का जिक्र करते हुए कहा कि छोटे स्तर के कर्मियों को तंग नहीं करना चाहिए।
जम्मू में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए हर्षदेव ने कहा कि विलेज लेवल वर्कर, पटवारी, क्लर्क, टीचर, लाइनमैन, आदि को ही निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील की कि जिला व संभाग स्तर पर प्रशासन चलाने में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ अधिकारियों में से नकारा अधिकारियों की पहचान की जाए। उन्होंने कहा कि उच्च स्तर के अधिकारियों के खिलाफ छोटे कर्मियों की तुलना में अधिक शिकायतें हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों का समय पर निपटारा नहीं किया जा रहा है।
उपराज्यपाल सचिवालय से आरटीआइ के जवाब का जिक्र करते हुए हर्षदेव सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, जम्मू कश्मीर बैंक आदि विभागों में जनहित के मुद्दे पर बार बार कहने पर वरिष्ठ अधिकारियों ने जवाब देना मुनासिब नहीं समझा। अगर वरिष्ठ अधिकारी ही उपराज्यपाल के पत्र का जवाब नहीं देंगे तो सामान्य अधिकारी से क्या उम्मीद की जा सकती है। एक मामले को जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गोरड़ी ब्लाक में बरमीन-सरसू मार्ग पर दस मकानों को तोड़े जाने के मामले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जिला प्रशासन को पैसे दिए गए है लेकिन नौ साल का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक प्रभावित परिवारों को मुआवजा नहीं दिया गया है।
पैंथर्स पार्टी की तरफ से मामला उठाए जाने के बाद पिछले सप्ताह ही उपायुक्त ने मुआवजा उपलब्ध करवाने पर सहमति दी है। पहली ही बार में उन वरिष्ठ अधिकारियों की पहचान होनी चाहिए जो नकारा है। चुनाव डयूटी के समय में दिए गए पैसे को वापिस लिए जाने पर हर्षदेव सिंह ने सरकार की आलोचना की।