Jammu Kashmir: अकादमिक प्रबंधन पर चलाया जा रहा है सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज : हर्षदेव
पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने कहा है कि सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज जम्मू को पूरी तरह से अकादमिक प्रबंधन पर चलाया जा रहा है। कालेज में लेक्चरर असिस्टेंट प्रोफेसर ही नहीं बल्कि नॉन टीचिंग के कर्मचारी भी अस्थाई रूप से काम कर रहे हैं। कोई कर्मचारी स्थायी नहीं है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने कहा है कि सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज जम्मू को पूरी तरह से अकादमिक प्रबंधन पर चलाया जा रहा है। कालेज में लेक्चरर, असिस्टेंट प्रोफेसर ही नहीं बल्कि नॉन टीचिंग के कर्मचारी भी अस्थाई रूप से काम कर रहे हैं। कोई भी कर्मचारी स्थायी नहीं है।
जीएमसी जम्मू की प्रिंसिपल को आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रिंसिपल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इससे पता चलता है कि सरकारी संस्थानों में नियुक्तियों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। हालांकि इस संबंध में उपराज्यपाल ने स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए थे कि सरकारी विभागों या संस्थानों में अस्थाई प्रबंधन को समाप्त किया जाए।
सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज 2017 में 36 साल के अंतराल के बाद फिर से खोला गया था
उन्होंने कहा कि सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज 2017 में 36 साल के अंतराल के बाद फिर से खोला गया था। अगर इसे एडहाॅक कॉलेज आफ आयुर्वेद कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि इस कॉलेज को चलाने को लेकर गंभीरता दिखाई नहीं देती है। कॉलेज में पर्याप्त शिक्षा का ढांचा उपलब्ध नहीं है। अगर कर्मचारी, फैकल्टी सदस्य अकादमिक प्रबंधन पर ही लगाए जाएंगे तो विद्यार्थियों के साथ न्याय कैसा होगा कैसे होगा।
गत दिनों नौ उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए कॉलेज में जारी की गई चयन सूची पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि एक उम्मीदवार का नाम लिस्ट में है लेकिन वह कमेटी की तरफ से साक्षात्कार में मौजूद नहीं था। इससे पता चलता है कि चयन प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से नहीं हो रही है। इसलिए मामले की जांच करवाई जानी चाहिए।