जागरण इंपैक्ट: 'रामलला ने अपना घर बनाने से पहले मेरे घर का इंतजाम कर दिया'
लेखराज को भूमि कांजली पंचायत के शपानू गांव के ही राजेंद्र कुमार ने दान दी है। राजेंद्र बागवानी विभाग में बतौर जिलाधिकारी जम्मू में तैनात हैं। उन्होंने लेखराज को गांव में अपनी एक कनाल पांच मरलाह जमीन घर बनाने के लिए दे दी।
रियासी, राजेश डोगरा : कहते हैं, ऊपरवाले के घर देर है-अंधेर नहीं। तंगहाली के बावजूद पाई-पाई जमा कर जोड़े 500 रुपये भी अयोध्या में बनने वाले श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए देने वाले रियासी जिले की कांजली पंचायत के शपानू गांव में रहने वाले दिव्यांग लेखराज व उनके परिवार की मदद को कई हाथ आगे बढ़े हैं। बागवानी विभाग में जिला अधिकारी ने लेखराज को घर बनाने के लिए एक कनाल पांच मरलाह भूमि दान दे दी। इसी तरह, लखनपुर के पूर्व नपा अध्यक्ष ने लेखराज को 50,000 रुपये की नकद सहायता दी और बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया। फटी तिरपाल से बनी टूटी-फूटी झोपड़ी में रहने वाले लेखराज ने इस सहायता पर कहा, 'मैंने 500 रुपये जब दिए तो कहा था कि मेरी झोपड़ी तो कभी भी बन जाएगी, राललला का भव्य मंदिर बनना चाहिए। लेकिन प्रभु राम ने अपना मंदिर बनने से पहले ही मेरा घर बनाने का इंतजाम कर दिया। मेरी सहायता करने प्रभु राम ने ही अपने दूत भेजे हैं।'
लेखराज को भूमि कांजली पंचायत के शपानू गांव के ही राजेंद्र कुमार ने दान दी है। राजेंद्र बागवानी विभाग में बतौर जिलाधिकारी जम्मू में तैनात हैं। उन्होंने लेखराज को गांव में अपनी एक कनाल पांच मरलाह जमीन घर बनाने के लिए दे दी। उन्होंने अपने पिता स्वर्गीय प्रभु दयाल के नाम से जगह का दान अपनी माता गायत्री देवी से करवाया। इसके लिए स्थानीय सरपंच सुखदेव सिंह, वार्ड नंबर छह के पंच हरबंस लाल, सतपाल, नंबरदार रामदत्ता व बाकी पंचायत प्रतिनिधियों की मौजूदगी में दान की गई भूमि का पंचायतनामा लिखा गया। भूमि पैमाइश व उससे संबंधित दस्तावेज तैयार करने की अगली सरकारी प्रक्रिया के लिए बुधवार को कटड़ा की ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर रिद्धिमा शर्मा, ग्राम सेवक बबलू शर्मा, पटवारी जमील अहमद भी मौके पर पहुंचे।
वहीं कठुआ जिले के लखनपुर के नगर पालिका कमेटी के पूर्व प्रधान अरुण शर्मा रंजू अपनी पत्नी पूनम शर्मा के साथ शपानू गांव में लेखराज के परिवार के पास पहुंचे। उन्होंने स्थानीय लोगों की उपस्थिति में इस परिवार को मकान बनाने के लिए 50 हजार रुपये की नकद सहायता दी। इसी के साथ उन्होंने लेखराज से कहा कि वह उनके बच्चों को शिक्षा दिलवाएं। वह बच्चों की वर्दी, जूते आदि की जरूरतों को भी पूरा करेंगे। इनसे पहले सांबा से भी समाज सेवक गिरधारी लाल ने शपानू गांव में पहुंचकर लेखराज के परिवार को सहायता के तौर पर राशन दिया था।
लेखराज मूलत: डोडा जिले के रहने वाले हैं। आतंकवाद के कारण वर्ष 1991 में उनका परिवार पलायन कर रियासी जिले की कांजली पंचायत के शपानू गांव में आ गया था। दो दुर्घटनाओं और फिर लंबे समय तक बीमार होने के कारण लेखराज के दोनों हाथ व एक टांग सही तरह से काम नहीं करते। इसके बावजूद वह मेहनत मजदूरी कर किसी तरह परिवार का पेट पालने की कोशिश कर रहे हैं। शपानू में ही किसी द्वारा दी गई जमीन पर लेखराज का परिवार घास-फूस व सीमेंट की खाली बोरियों से सिले प्लास्टिक के टुकड़ों से बनाई एक झोपड़ी में समय गुजार रहा है। इसी बीच, गांव की निधि समर्पण समिति के सदस्य रामराज और हरबंस लाल राम मंदिर के लिए जब राशि एकत्र कर रहे थे तो लाख मना करने के बावजूद लेखराज का परिवार भी 500 रुपये देने पर अड़ गया था।
दैनिक जागरण की अखबार लेकर पता पूछते पहुंचे गांव : लखनपुर नगर पालिका कमेटी के पूर्व प्रधान अरुण शर्मा रंजू ने कहा कि मैंने दैनिक जागरण में लेखराज के बारे में पढ़ा तो खुद को मदद करने से रोक नहीं पाया। मैं और मेरी पत्नी अखबार की कटिंग लेकर उसे लोगों को दिखातेे और पता पूछते उनके गांव तक पहुंच गए। वहीं, बागवानी विभाग में जिला अधिकारी राजेंद्र कुमार ने कहा कि इस नेक काम की नींव दैनिक जागरण ने डाली है। जागरण में समाचार पढऩे के बाद ही वह अपनी मां के साथ इस गांव में पहुंचे। बता दें कि दैनिक जागरण ने 22 जनवरी के अंक में लेखराज का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था।