सगी बेटी ने ठुकराया तो पराई ने फर्ज निभाया, गुरदीप सिंह का सिख रीति रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार

उड़ान वेलफेयर संस्था की प्रधान उर्जा सिंह वह बेटी है जिसने गुरदीप सिंह को जम्मू बस स्टैंड के पास सेंट पीटर स्कूल के बाहर फुटपाथ से उठाकर जीएमसी अस्पताल पहुंचाया। वहां दो दिनों तक खुद व उनकी संस्था के चेयरमैन शीतल सिंह दिन रात तीमारदारी में लगे रहे।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 09:52 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 12:49 PM (IST)
सगी बेटी ने ठुकराया तो पराई ने फर्ज निभाया, गुरदीप सिंह का सिख रीति रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार
संपर्क गुरदीप सिंह के साले से हुआ जिसने इस मामले से अनिभज्ञता जताई।

जम्मू, जागरण संवाददाता: कहते हैं कि बेटियां अपने मां-बाप को बेटों से ज्यादा प्यार करती हैं। वह अपने मां-बाप के लिए कुछ भी कर सकती हैं। लेकिन दिल्ली की एक बेटी ने लोगों की इस धारणा को तोड़ दिया। दिल्ली की बेटी का बाप चार दिनों तक जिंदगी के लिए कभी जम्मू की सड़कों और फिर जीएमसी अस्पताल में तड़पता रहा।

आखिरकार शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। दिल्ली में रहने वाली गुरदीप सिंह की बेटी ने अपने पिता का हालचाल जानना तो दूर उनकी मौत के बाद उसने शव को भी लेने से इंकार कर दिया। लाख कोशिशों के बाद भी जब गुरदीप की बेटी नहीं मानी तो जम्मू की बेटी उर्जा सिंह ने इस फर्ज को निभाया और गुरदीप सिंह का सिख रीति रिवाज से शहर के शक्ति नगर शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार करवाया।

उड़ान वेलफेयर संस्था की प्रधान उर्जा सिंह वह बेटी है जिसने गुरदीप सिंह को जम्मू बस स्टैंड के पास सेंट पीटर स्कूल के बाहर फुटपाथ से उठाकर जीएमसी अस्पताल पहुंचाया। वहां दो दिनों तक खुद व उनकी संस्था के चेयरमैन शीतल सिंह दिन रात तीमारदारी में लगे रहे। गुरदीप सिंह से बेटी का नंबर लेकर उससे कई बार संपर्क भी किया लेकिन बेटी ने हर बार यही कहा कि उनका उपचार करवाओ या उन्हें किसी वृद्धाश्रम में छोड़ दो। गुरदीप सिंह ने खुद बताया था कि उनकी पत्नी की बीस दिन पहले कोरोना से मौत हो गई थी जिसके बाद बेटी ने भी उन्हें घर से निकाल दिया।

वह अपने रिश्तेदारों के पास नहीं जाना चाहते थे और जम्मू में आ गए। गुरदीप सिंह कोरोना नेगेटिव थे लेकिन पत्नी की मौत के बाद बेटी के व्यवहार ने उनके जीने की ललक को तोड़ दिया था और आखिरकार वे इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। शुक्रवार से उर्जा सिंह गुरदीप सिंह की मौत के बाद उनके रिश्तेदारों का पता लगाने का प्रयास कर रही थी ताकि बेटी न सही तो कोई और उनका अंतिम संस्कार करवाने आ जाए। आखिरकार उनका संपर्क गुरदीप सिंह के साले से हुआ जिसने इस मामले से अनिभज्ञता जताई।

गुरदीप सिंह के साले व कुछ अन्य रिश्तेदारों ने इतनी जल्दी जम्मू पहुंचने में असमर्थता जताई जिसके बाद उर्जा सिंह ने गुरदीप सिंह का खुद अंतिम संस्कार करवाने की ठानी। शनिवार को शक्ति नगर शमशान घाट में पूरे सिख रीति रिवाज से गुरदीप सिंह का अंतिम संस्कार किया गया और उन्हें उड़ान संस्था के चेयरमैन शीतल सिंह ने मुखाग्निी दी।

अपने दोस्त को थमा दिया था फोन: गुरदीप सिंह की बेटी को जब जम्मू से फोन जाने लगे तो उसने अपना फोन अपने किसी दोस्त को थाम दिया। हर बार फोन करने पर वह ही फोन उठाता था और गुरदीप की बेटी से बात करवाने की बजाए खुद ही बात करता। बीच बीच में कभी गुरदीप की बेटी से बात होती तो वह कभी खुद को कोरोना पॉजिटिव बताती लेकिन पॉजिटिव होने पर उसके दोस्त का उसके साथ होने का कोई जबाव उसके पास नहीं था। गुरदीप की बेटी के फोन पर जब उसके दोस्त से जब कुछ मीडियाकर्मियों की भी बात हुई तो वह उन्हें बार बार फोन न करने के लिए धमकाता भी रहा। वहीं उर्जा सिंह का कहना है कि उसने प्रयास किया है कि गुरदीप सिंह को ससम्मान अंतिम विदाई मिल सके।

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