Jammu Kashmir: दरिया में बढ़ी धार तो दुल्‍हन को लिवाने के लिए दूल्‍हा हुआ ट्रैक्‍टर पर सवार

बारिश के कारण भिन्‍नी दरिया एकाएक उफान पर आ गया। दूल्‍हे समेत पूरी बरात नदी के किनारे पर अटक गई। उधर दुल्‍हन के परिवार का इंतजार बढ़ता जा रहा था। ऐसे में दूल्‍हा ट्रैक्‍टर पर सवार होकर दरिया पार कर गया और समय से मंडप में पहुंच गया।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 04:19 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 07:31 AM (IST)
Jammu Kashmir: दरिया में बढ़ी धार तो दुल्‍हन को लिवाने के लिए दूल्‍हा हुआ ट्रैक्‍टर पर सवार
बारिश के कारण दरिया उफान पर आ गया। दुल्‍हन का इंतजार बढ़ता जा रहा था। मुहुर्त निकला जा रहा था।

करुण शर्मा, बिलावर: पहाड़ का जीवन चुनौती से कम नहीं है। उस पर अफसरों की हीला-हवाली परेशानी बढ़ा देती है। पर ग्रामीण कुछ न कुछ जुगाड़ निकाल लेते हैं। जम्‍मू कश्‍मीर के कठुआ जिले के बेरल गांव में शनिवार को बरात जाना था। पर बारिश के कारण रास्‍ते में पड़ने वाला भिन्‍नी दरिया एकाएक उफान पर आ गया। ऐसे में दूल्‍हे समेत पूरी बरात नदी के किनारे पर अटक गई। उधर दुल्‍हन और उसके परिवार का इंतजार बढ़ता जा रहा था। मुहुर्त भी निकला जा रहा था। ऐसे में दूल्‍हा ट्रैक्‍टर पर सवार होकर दरिया पार कर गया और समय से मंडप में पहुंच गया। दूल्‍हे के साथ बरात के लोग दरिया पार तो कर गए पर एक बार फिर अफसरों की हीलाहवाली और टरकाऊ रवैया लोगों की जुबां पर आ गया।

दरअसल कठुआ जिले में स्थित भिन्‍नी दरिया पर पुल का काम दो दशक से लटका है। ऐसे में गांव बेरल में लोगों को बारिश में यूं ही जूझना पड़ता है। हर बार दरिया में आने वाली बाढ़ बेरल गांव में कहर ढाहती है। दरिया का पानी इस कदर बढ़ जाता है और पुल के अभाव में लोग जान हथेली पर रखकर दरिया पार करने को मजबूर होते हैं।

शनिवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। बारिश की वजह से भिन्नी दरिया का जलस्तर अचानक बढ़ गया। दरिया में बढ़े जलस्तर और पुल के अभाव में ट्रैक्टर पर बरात संग दूल्हा भिन्नी दरिया पार कर लड़की के पिता सुभाष चंद्र के घर पहुंचा। लोगों का कहना है कि पुल के अभाव में वे लोग नरक भरी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोगों के घरों में बरात भी लानी हो तो दरिया में पानी बढ़ जाने के कारण बेटी के पिता को चिंता सताने लगती है। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया।

पहाड़ों पर जीवन नित नई चुनौती है, पर लोग जुगाड़ खोज ही लेते हैं। भिन्‍नी नदी पर बरसों से पुल का काम लटका है। बारिश में मुश्किल बढ़ जाती है। दुल्‍हन संग बारात को आना था तो लोग ट्रैक्‍टर ले आए। वीडियो एक पाठक ने साझा किया है#jagrannews@manojsinha_ @districtadmkat1 @DiprKathua pic.twitter.com/c2L1mkHhCk

— Anil Gakkhar (@AnilGakkhar) October 24, 2021

सुभाष चंद्र ने बताया कि उनकी बेटी प्रिया की शादी छाल्ला निवासी बलवीर से होना था, लेकिन दरिया में बारिश की वजह से जलस्तर बढ़ गया। कई घंटे बरात दरिया के पार खड़ी रही,जब जलस्तर थोड़ा कम हुआ तो ट्रैक्टर ट्राली पर दूल्हा और बराती विवाह के पवित्र रिश्ते को पूरा करने के लिए गांव पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह पहली बार नहीं हुआ। हर बार दरिया का जलस्तर बढ़ जाने पर इस तरह की ग्रामीणों को परेशानी से जूझना पड़ता है।

2004 से चल रहा है बेरल पुल का निर्माण कार्य

भिन्‍नी दरिया के बीचोंबीच टापू के रूप में बसे बेरल गांव में पुल का निर्माण कार्य 2004 में पूर्व राज्यमंत्री डा. मनोहर लाल शर्मा ने शुरू करवाया था। जम्मू कश्मीर प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (JKPCC) ने पुल का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया था, इसके बाद पुल के तीन पिलर भी बन गए। कंस्ट्रक्शन कंपनी ने निर्माण कार्य को बीच अधर में छोड़ दिया। अभी भी फंड्स उपलब्ध होने के बावजूद लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए जेकेपीसीसी द्वारा निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा रहा। सिर्फ यह कहकर पुल के निर्माण कार्य को अधर में छोड़ दिया गया है कि उच्ज डैम में बेरल गांव आने के कारण पुल का निर्माण नहीं किया जा सकता।

फरवरी 2021 में जेकेपीसीसी के एमडी एमडी ख्वाजा और सुपरिटेंडेट इंजीनियर केएस नथियाल ने बेरल का दौरा कर लोगों को आश्वस्त किया था कि पुल के तीन पिल्लर बने हुए हैं, कंक्रीट ब्रिज का निर्माण न कर स्टील ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। जिसका डीपीआर बनाकर सरकार के पास मंजूरी के लिए भेज दी जाएगी। आज ग्रामीण पुल के अभाव में बदतर जिंदगी जीने को मजबूर है। अभी भी बैरल पुल के निर्माण के लिए 625 लाख का फंड्स सरकार के पास है।

- अनूप बिलोरिया, सरपंच, पल्लन पंचायत।

chat bot
आपका साथी