Jammu : आइआइटी जम्मू से ग्रीन जेएंडके ड्राइव शुरू, एक करोड़ तीस लाख पौधे लगाने का लक्ष्य

इस वर्ष इसके तहत पूरे जम्मू-कश्मीर में एक करोड़ तीस लाख पौधे लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। उपराज्यपाल ने आइआइटी कैंपस में एक पौधा लगाकर अभियान की शुरुआत की। ग्रीन जेएंडके ड्राइव राष्ट्रीय वन नीति 1988 और जेके वन नीति 2011 के अनुरूप है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 07:51 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 07:51 PM (IST)
Jammu : आइआइटी जम्मू से ग्रीन जेएंडके ड्राइव शुरू, एक करोड़ तीस लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
शुक्रवार को इंडियन इंस्टीटयूट आफ टेक्नालोजी जम्मू से ग्रीन जेएंडके ड्राइव-2021 शुरू की।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को इंडियन इंस्टीटयूट आफ टेक्नालोजी जम्मू से ग्रीन जेएंडके ड्राइव-2021 शुरू की। इस वर्ष इसके तहत पूरे जम्मू-कश्मीर में एक करोड़ तीस लाख पौधे लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। उपराज्यपाल ने आइआइटी कैंपस में एक पौधा लगाकर अभियान की शुरुआत की। ग्रीन जेएंडके ड्राइव राष्ट्रीय वन नीति 1988 और जेके वन नीति 2011 के अनुरूप है। इसके तहत वनों के भीतर और बाहर पड़ी भूमि पर पौधे लगाना है।

उपराज्यपाल ने कहा कि ग्रीन जम्मू-कश्मीर ड्राइव का उद्देश्य सभी हितधारकों, विशेष रूप से ग्राम पंचायतों, महिलाओं, छात्रों, शहरी स्थानीय निकायों, संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों की भागीदारी के साथ बड़े पैमाने पर अभियान को जन आंदोलन बनाना है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के दो-तिहाई भौगोलिक क्षेत्र को जंगल और वृक्षों से भरना है। जम्मू और कश्मीर में वन और वृक्षों करीब 55 फीसद है, जो राष्ट्रीय औसत 24.56 प्रतिशत से बहुत अधिक है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि वर्तमान हालात जहां कई जगहों पर लोगों के लिए कठिन चुनौती पेश कर रहे हैं।

वहीं सरकारी तंत्र और जम्मू-कश्मीर के लोग प्राकृतिक संपदा को संरक्षित और मजबूत करके आने वाली पीढ़ी के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। उपराज्यपाल ने विज्ञान और पारिस्थितिकी को एक साथ विकास के पथ पर ले जाने के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के विकास और संरक्षण के बीच संतुलन सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। आज की तुलना में पारिस्थितिकी को पुनर्जीवित करने की अधिक आवश्यकता कभी नहीं रही। उन्होंने वन विभाग द्वारा इस वर्ष एक करोड़ तीस लाख पौधे लगाने के लक्ष्य के साथ हरित जम्मू और कश्मीर अभियान शुरू करने पर संतोष जताया।

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि जम्मू-कश्मीर में जनभागीदारी की भावना से ग्रीन इंडिया मिशन लागू किया जा रहा है, जिससे 320 गांवों में वनों की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार के अलावा आर्थिक लाभ भी होगा। उन्होंने हर व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने को कहा। उपराज्यपाल ने कहा कि यदि हम अगले दस वर्षों में अपनी पारिस्थितिकी को बहाल करने में विफल रहते हैं, तो आने वाले समय में कम से कम दस लाख प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। जब तक पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा की जाती है, तब तक हम अपने जंगलों, नदियों और झीलों, पहाड़ों, मैदानों, खेतों को संरक्षित करने में सक्षम होंगे।

आइआइटी परिसर में बायो डाइजेस्टर स्थापित करने की सलाह

उपराज्यपाल ने आईआईटी जम्मू प्रशासन को पर्यावरण के अनुकूल पहल करने के लिए भरसक प्रयास करने को कहा ताकि यह संस्थान अपने ग्रीन कैंपस के आधार पर ग्रीन मैट्रिक वर्ल्ड कालेज प्रतियोगिता में शामिल हो सके और शीर्ष 50 रैंकिंग में अपनी जगह बना सके। उपराज्यपाल ने आइआइटी फैकल्टी को परिसर के कचरे को ऊर्जा में बदलने के लिए बायो-डाइजेस्टर स्थापित करने की सलाह दी। यह तकनीक ठोस कचरे के प्रबंधन के तरीके को बदलने के अलावा परिसर को पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर बना सकती है।

उपराज्यपाल ने विभिन्न पंचायत पौधारोपण समितियाें को 1.97 करोड़ रुपयों के चैक भी वितरित किए। इस मौके पर मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता, प्रिंसिपल चीफ कंज्रवेटर डा. मोहित गेडा, आयुक्त सचिव संजीव वर्मा, डायरेक्टर आइआइटी डा. मनोज गौड़, डीडीसी चेयरमैन भारत भूषण भी मौजूद थे।

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