Jammu Kashmir : प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने में जुटी है सरकार

जम्मू-कश्मीर में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने में कोई कमी नहीं छोड़ी जानी चाहिए। अधिक से अधिक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएं और बच्चे को सभी मूलभूत ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं ताकि हर खेल में अधिक से अधिक भागेदारी संभव हो सके।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 07:34 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 07:34 PM (IST)
Jammu Kashmir : प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने में जुटी है सरकार
प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जम्मू और कश्मीर में कई ढांचागत परियोजनाएं चला रहा है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता ने शुक्रवार को युवा सेवा एवं खेल विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने में कोई कमी नहीं छोड़ी जानी चाहिए। अधिक से अधिक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएं और बच्चे को सभी मूलभूत ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं ताकि हर खेल में अधिक से अधिक भागेदारी संभव हो सके।

मेहता की अध्यक्षता में बैठक में बताया गया कि खेल विभाग विभिन्न खेल गतिविधियों का आयोजन कर रहा है। प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जम्मू और कश्मीर में कई ढांचागत परियोजनाएं चला रहा है। मुख्य सचिव ने विभाग को जम्मू-कश्मीर में वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तरीय सुविधाएं स्थापित करने और इस संबंध में पर्याप्त उपकरण खरीदने का निर्देश दिया। विभाग को कश्मीर प्रांत में डल, वुलर और मनसाबल और जम्मू प्रांत के मानसर, सरुईंसर और रंजीत सागर बांध सहित विभिन्न झीलों में वाटर स्पोर्ट्स विकसित करने के लिए कहा गया।

विभाग को आगे लिद्दर, सलाल और बगलिहार बांधों में जंगली जल खंड में जल क्रीड़ा सुविधाओं के विकास की संभावनाओं का पता लगाने के लिए कहा गया। मुख्य सचिव ने रंजीत सागर बांध में जल क्रीड़ा सुविधाओं की समीक्षा करते हुए विभाग को उपकरण ऑडिट पूरा करने और कयाकिंग और कैनोइंग खेलों में युवाओं का प्रशिक्षण जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने 15 अक्टूबर, 2021 तक श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंडोर स्टेडियम में सभी खेल गतिविधियों के नवीनीकरण और जारी कार्यों को पूरा करने और सभी खेल गतिविधियों को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए।

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