Pulwama Terror Attack: सुरक्षा बलों के लिए उड़ानों को पहले से ही वरीयता

गृह मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों को ले जाने के लिए वायु मार्ग को बढ़ावा दिया गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि राज्य में अर्धसैनिक बलों का मूवमेंट सड़क मार्ग से भी जारी रहेगा।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 12:04 PM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 07:16 AM (IST)
Pulwama Terror Attack: सुरक्षा बलों के लिए उड़ानों को पहले से ही वरीयता
Pulwama Terror Attack: सुरक्षा बलों के लिए उड़ानों को पहले से ही वरीयता

 नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्टो को खारिज किया है जिनमें कहा गया था कि केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ जवानों को वायुमार्ग से जाने की अनुमति नहीं दी थी। लिहाजा गृह मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों को ले जाने के लिए वायु मार्ग को बढ़ावा दिया गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि राज्य में अर्धसैनिक बलों का मूवमेंट सड़क मार्ग से भी जारी रहेगा।

चूंकि साजोसामान ले जाने और सैन्य अभियानों के लिए यह जरूरी है। वहीं, सीआरपीएफ के महानिदेशक आरआर भटनागर ने कहा कि सुरक्षा बलों के काफिले की आवाजाही के लिए मानक प्रक्रिया में फेरबदल का फैसला लिया गया है। सीआरपीएफ महानिदेशक भटनागर ने रविवार को कश्मीर के दौरे से लौटने के बाद कहा कि सुरक्षा बलों के काफिले को सड़क मार्ग से ले जाने के लिए कुछ नए तरीके अपनाने का फैसला लिया गया है। यातायात नियंत्रण से लेकर, यात्रा के समय और रुकने के स्थानों में भी फेरबदल किए गए हैं।

अर्धसैनिक बलों के यह मूवमेंट अब सेना या जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ तालमेल बिठाकर होंगे। पुलवामा में हमले के बाद से नई प्रक्रिया से दो काफिलों को रवाना भी किया जा चुका है। इस बीच, गृह मंत्रालय ने उन रिपोर्टो का खंडन किया है जिनमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों को जम्मू-श्रीनगर सेक्टर से हेलीकॉप्टर से भेजने के एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ध्यान रहे कि हाल ही में मीडिया के एक धड़े में यह रिपोर्ट सामने आई थी कि सीआरपीएफ के जवानों के लिए जम्मू-श्रीनगर क्षेत्र में विमानों की व्यवस्था नहीं की गई थी।

मंत्रालय ने इस खबर को बेबुनियाद बताया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि सैन्य बलों के आवागमन के समय को कम करने के लिए सभी क्षेत्रों में वायु सेवाओं का विकल्प बढ़ाया गया है। सुरक्षा बलों और सेना के काफिलों का सड़क मार्ग से मूवमेंट होता रहा है और आवश्यक रूप से आगे भी होगा। चूंकि यह जरूरी है। सच तो यह है कि पिछले कुछ सालों से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जवानों का समय बचाने के लिए सभी सेक्टरों में वायुसेवाएं बढ़ाई हैं। फिर चाहे जवानों की यह यात्रा उनके सैन्य कार्य के लिए हो या छुट्टी लेकर घर जाने के लिए हो।

खासकर जम्मू और कश्मीर में सेंट्रल आर्मड पैरामिलिट्री फोर्सेज (सीएपीएफ) के अभियानों के लिए पहले से ही वायु मार्ग की व्यवस्था लागू है। दिसंबर, 2018 में मंत्रालय ने हवाई रूट बढ़ने के चलते अर्धसैनिक बलों के लिए दिल्ली-जम्मू-श्रीनगर-जम्मू-दिल्ली सेक्टर के लिए हवाई सफर बढ़ाने की व्यवस्था की है। श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर सेक्टर के लिए हर हफ्ते चार उड़ाने और शुरू की गई हैं। वायुमार्ग की यह व्यवस्था जब और जैसी जरूरत हो भारतीय वायुसेना की ओर से की जाती है। जनवरी, 2019 में सीआरपीएफ के लिए कई दौर की उड़ानें हुई थीं। उल्लेखनीय है कि विगत 14 फरवरी को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। 

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