GMC Hospital Jammu: दम तोड़ते रहे मरीज, दर्द बढ़ाता रहा जीएमसी का अधूरा इमरजेंसी ब्लाक

GMC Hospital Jammu जम्मू में कोरोना की दूसरी लहर है और कई मरीजों की मौत हो रही है। गंभीर रूप से बीमार मरीजों ने कई बार आइसीयू में बिस्तर न मिलने की शिकायत भी की। लेकिन कुछ नहीं हुआ।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 08:51 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 12:32 PM (IST)
GMC Hospital Jammu: दम तोड़ते रहे मरीज, दर्द बढ़ाता रहा जीएमसी का अधूरा इमरजेंसी ब्लाक
जीएमसी प्रशासन ने एचडीयू को तो शुरू कर दिया लेकिन इमरजेंसी ब्लाक को शुरू नहीं किया जा सका।

जम्मू, रोहित जंडियाल: जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू पर भी बोझ बढ़ने लगता है। लगातार यहां पर आक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। लेकिन इसे लापरवाही कहें या फिर दूरदर्शिता की कमी। एक ओर जहां सर कर्नल चोपड़ा नर्सिंग चार साल से बंद हैं। वहीं चार साल से इमरजेंसी के नए ब्लाक का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। जबकि इसे बनाने की समय सीमा साल 2019 तय की गई थी।

राजकीय मेडिकल कालेज की वर्तमान इमरजेंसी ब्लाक में 300 बिस्तरों की क्षमता है। पांच वर्ष पहले मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की टीम ने 100 बिस्तरों की क्षमता वाला एक और इमरजेंसी ब्लाक बनाने को कहा था। इसके बाद इस नए ब्लाक की डीपीआर बनाई गई। इसके तहत इसकी हर मंजिल में 33 बिस्तरों की क्षमता होगी। इनमें से 12 बिस्तरों में वेंटीलेटर होंगे।

मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की टीम अंतिम बार साल 2018 में 150 एमबीबीएस की सीटों की मान्यता के लिए अंतिम बार निरीक्षण के लिए आई थी। उस समय हाई डिपैडेंसी वार्ड और इमरजेंसी ब्लाक का काम पूरा नहीं हो पाया था। उस समय जीएमसी प्रशासन ने एमसीआई को यह हल्फनामा दिया था कि इन दोनों ही ब्लाक का तीन महीने के भीतर पूरा कर देंगे और मरीजों के लिए खोल देंगे। जीएमसी प्रशासन ने एचडीयू को तो शुरू कर दिया लेकिन इमरजेंसी ब्लाक को शुरू नहीं किया जा सका।

जीएमसी जम्मू में इस ब्लाक की अहमियत पहली बार उस समय देखने को मिली तब पिछले साल कोरोना संक्रमण की पहली लहर आई। मरीजों को कई परेशानियां आई लेकिन जीएमसी प्रशासन ने सबक नहीं लिया। इस इमरजेंसी का काम पूरा नहीं हुआ।

इस समय जम्मू में कोरोना की दूसरी लहर है और कई मरीजों की मौत हो रही है। गंभीर रूप से बीमार मरीजों ने कई बार आइसीयू में बिस्तर न मिलने की शिकायत भी की। लेकिन कुछ नहीं हुआ। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि पिछले वर्ष करोड़ों रुपये लैप्स हो गए लेकिन किसी ने इमरजेंसी का काम पूरा नहीं करवाया।

लगाए जा सकते थे वेंटीलेटर: पीएम केयर फंड के तहत आए कई वेंटीलेटरों का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। पीएमओ में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह के आडिट करने के निर्देशों के बाद स्टोर में बंद पड़े वेंटीलेटरों को आइसीयू, सीसीयू और एचडीयू में लगा दिया गया लेकिन अभी भी कई वेंटीलेटर हैं जिनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। अगर पजीएमसी प्रशासन सबक लेता तो इन वेंटीलेटरों का इस नई इमरजेंसी ब्लाक को शुरू कर इनका इस्तेमाल कर सकता था। विशेषज्ञों का कहना है कि जीएमसी जम्मू में जो नया आक्सीजन जेनरेशन प्लांट शुरू हुआ है, उसकी सप्लाई इस नए इमरजेंसी ब्लाक में की जा सकती है। मरीजों को यहां पर लेवल की स्वास्थ्य सुविधा दी जा सकती है।

31 मई तक होगा काम पूरा: अब इंजीनियरों ने इस इमरजेंसी ब्लाक को पूरा करने का लक्ष्य 31 मई रखा है। इसके लिए उन्होंने शनिवार को जीएमसी पहुंचे डिवीजनल कमिश्नर को भी जानकारी दी। उनका कहना था कि 31 मई तक काम पूरा लिया जाएगा। डिवीजनल कमिश्नर ने उन्हें सख्त निर्देश दिए कि इसका काम और तेजी से पूरा हो। सभी विभागों में बेहतर समन्वय बने। उन्होंने कहा कि इससे आइसीयू के बिस्तरों की क्षमता बढ़ेगी और गंभीर रूप से बीमार कोविड के मरीजों को रखा जा सकेगा। इससे पहले डा. राघव लंगर ने इस नए इमरजेंसी ब्लाक का निरीक्षण किया। उनके साथ प्रिंसिपल जीएमसी डा. शशि सूदन भी थीं। उन्होंने इस ब्लाक के सभी सेक्शन का निरीक्षण कर काम की प्रगति के बारे में जानकारी ली।

अलग होगा अपना आक्सीजन प्लांट: डिवीजनल कमिश्नर ने कहा कि नए ब्लाक के लिए 2400 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाला आक्सीजन जेनरेशन प्लांट भी जल्दी से जल्दी लगाया जाए। उन्होंने जीएमसी में आईसीयू के बिस्तरों की क्षमता के बारे में भी जानकारी ली। वार्ड चार और पांच को भी कोविड वार्ड बनाने को कहा। उन्होंने दोनों ही वार्ड में आक्सीजन वैक्यूम पाइपलाइन स्थापित करने को कहा ताकि वेंटीलटर और आक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा सके। दोनों ही वार्ड में बिजली का काम भी जल्दी पूरा करने को कहा गया। जीएमसी की पुरानी इमरजेंसी में बिजली सप्लाई बाधित न हो, इसके लिए डिवीजनल कमिश्नर ने जम्मू पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन और सड़क एवं भवन निर्माण विभाग के इंजीनियरों और जीएमसी प्रशासन से संयुक्त सर्वे करने को कहा। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक पैनल को तभी याट डाउन किया जाए जब बिजली का बैकआप हो। उन्होंने नए इमरजेंसी ब्लाक के लिए अलग ट्रांसफार्मर लगाने को कहा। डिवीजनल कमिश्नर ने लिफ्ट लगाने में देरी होने पर सख्त एतराज जताया।

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