World Tourism Day 2021: जम्मू के सुचेतगढ़ बार्डर में हर रोज रिट्रीट सेरेमनी देखने के लिए हो जाएं तैयार, अक्टूबर से बीएसएफ जवान करेंगे परेड
सुचेतगढ़ में रिट्रीट सेरेमनी शुरू करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इसके उद्घाटन को लेकर वीआईपी पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। हम अक्टूबर में इसे शुरू करने जा रहे हैं। बीएसएफ ने सारी तैयारियां कर ली है।
जम्मू, ललित कुमार । भारत-पाक सीमा की जीरो लाइन पर स्थित सुचेतगढ़ को अमृतसर के वाघा बार्डर की तर्ज पर विकसित करने की सालों पुरानी मांग को पूरा करते सरकार ने यहां अक्टूबर महीने से रोजाना रिट्रीट सेरेमनी आयोजित करने का फैसला किया है। बार्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है। हालांकि वाघा बार्डर की तरह यहां पर पाकिस्तान की तरफ तो ऐसी कोई सेरेमनी नहीं होगी लेकिन भारतीय सीमा में पर्यटकों के आकर्षण के लिए सीमा सुरक्षा बल के जवान रोजाना ये रिट्रीट सेरेमनी आयोजित करेंगे।
रिट्रीट सेरेमनी के लिए सीमा से सटे सुचेतगढ़ में पर्यटन विभाग की ओर से उपयुक्त ढांचा विकसित किया गया है। बार्डर टूरिज्म के तहत पर्यटकों के बैठने के यहां उचित स्टैंड बनाने के साथ यहां रेस्तरां का भी निर्माण किया गया है। इसके अलावा एक पार्क विकसित किया गया है। पर्यटन विभाग ने करीब दस साल पहले सुचेतगढ़ को बार्डर टूरिज्म के तहत विकसित करने की योजना पर काम शुरू किया था और सालों से यहां भारत-पाक रिट्रीट सेरेमनी आयोजित करने की योजना बनाई जा रही थी लेकिन पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई सकारात्मक रूख न रखने के कारण सुचेतगढ़ में यह आयोजन नहीं हो पाया। अब पर्यटन विभाग ने भारतीय सीमा में ही रिट्रीट सेरेमनी आयोजित करने का प्रस्ताव बनाया जिसे केंद्र सरकार व बीएसएफ की मंजूरी मिल गई है। यह रिट्रीट सेरेमनी कब से शुरू होगी और शाम कितने बजे होगी, इसे लेकर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि यह तय है कि अक्टूबर से सुचेतगढ़ में यह सेरेमनी शुरू कर दी जाएगी।
सुचेतगढ़ में रिट्रीट सेरेमनी शुरू करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। चूंकि यह एक राष्ट्रीय महत्व का भी अायोजन है, इसलिए इसके उद्घाटन को लेकर वीआईपी पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। हम अक्टूबर में इसे शुरू करने जा रहे हैं। बीएसएफ ने सारी तैयारियां कर ली है। बहुत जल्द उद्घाटन की तारीख घोषित की जाएगी और उद्घाटन के बाद रोजाना यह सेरेमननी आयोजित होगी।-विवेकानंद राय, डायरेक्टर टूरिज्म जम्मू
जम्मू से 28 किलोमीटर दूरी पर स्थित है सीमा
सुचेतगढ़ जम्मू जिले आरएसपुरा तहसील में वो अंतिम गांव है जिसकी सीमा पाकिस्तान से लगती है। जम्मू से आरएसपुरा की दूरी 17 किलोमीटर है और आरएसपुरा से सुचेतगढ़ की दूरी 11 किलोमीटर है। जम्मू से सुचेतगढ़ सीमा कुल 28 किलोमीटर दूर है। जम्मू हवाई अड्डे से सुचेतगढ़ की दूरी 22 किलोमीटर है।
11 किलोमीटर दूरी पर है सियालकोट
सुचेगढ़ के दूसरी तरफ पाकिस्तान का पहला शहर सियालकोट पड़ता है जिसका सुचेतगढ़ से दूरी मात्र 11 किलोमीटर है। सुचेतढ़ से लाहौर 141 किलोमीटर है। वर्ष 1897 में जम्मू से सियालकोट के बीच रेल सेवा आरंभ हुई थी। यह जम्मू-कश्मीर का पहला रेलमार्ग था जो ज्यादातर व्यापार के लिए काम में लिया जाता है। भारत-पाक बंटवारे से पूर्व दोनों तरफ से लोग इस रेलमार्ग से लाहौर व आगे का सफर भी तय करते थे। जम्मू से सियालकोट का यह रेलमार्ग कुल 43 किलोमीटर का था। जम्मू में मौजूदा समय में जहां वेयर हाउस व एसआरटीसी का यार्ड है, वहां इसका स्टेशन हुआ करता था।
रोजाना 5-6 हजार पर्यटक पहुंचते थे सुचेतगढ़
कोरोना महामारी से पूर्व सुचेतगढ़ में औसतन रोजाना पांच से छह हजार पर्यटक पहुंचते थे। सामान्य दिनों में जम्मू से रोजाना कई टूर टैक्सियां सुचेतगढ़ के लिए रवाना होती रही है। जम्मू दर्शन नाम से एक विशेष गाड़ी भी रोजाना जम्मू से सुचेतगढ़ जाती थी लेकिन कोरोना महामारी के बाद से पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आई है। पर्यटकों को सुचेतगढ़ जाने के लिए जम्मू के रेजीडेंसी रोड स्थित टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर से भी नियमित रूप से गाड़ियां रवाना होती है।