नेहरू सरकार ने कश्मीर पर हमले की पूर्व सूचना को किया था नजरअंदाज: जनरल गोवर्धन सिंह
पाकिस्तान में तैनात ब्रिटिश ब्रिगेड कमांडर की डाक खोलने पर मेजर ओकांर सिंह को दो महीने ही इस साजिश का पता चला था। पाकिस्तान सेना ने दस दस हजार सैनिकों के साथ 22 अक्टूबर को कश्मीर व जम्मू में हमले करने थे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। महाराजा हरि सिंह की सेना के अधिकारी रहे मेजर जनरल गोवर्धन सिंह जम्वाल ने कहा है कि नेहरू सरकार ने कश्मीर पर 22 अक्टूबर 1947 काे हुए पाकिस्तानी हमले की पूर्व सूचना को नजरअंदाज किया था। अगर केंद्र सरकार समय पर कार्रवाई करती तो आज इतिहास कुछ और होता।
जनरल गोवर्धन सिंह जम्वाल ने कहा कि ब्रिगेड मेजर ओकांर सिंह कलकट को कश्मीर पर कब्जा करने के पाकिस्तानी आपरेशन गुलमर्ग की जानकारी हमले से दो महीने पहले हो गई थी। अगर नेहरू सरकार उनके द्वारा दी गई पूर्व सूचना को गंभीरता से लेती तो कश्मीर पर कब्जा करने की दुश्मन का साजिश को समय रहते नाकाम बनाया जा सकता था। मेजर जनरल गोवर्धन सिंह जम्वाल ने कश्मीर के रक्षक ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह को मंगलवार श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि आपरेशन गुलमर्ग की साजिश ब्रिटिश सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से रची गई थी।
पाकिस्तान में तैनात ब्रिटिश ब्रिगेड कमांडर की डाक खोलने पर मेजर ओकांर सिंह को दो महीने ही इस साजिश का पता चला था। पाकिस्तान सेना ने दस दस हजार सैनिकों के साथ 22 अक्टूबर को कश्मीर व जम्मू में हमले करने थे। उन्होंने बताया कि यह हमले के बारे में पता लगने के बाद मेजर ओंकार सिंह को हिरासत में ले लिया था। वह अक्बटूबर महीने में मुस्लिम सैन्य अधिकारियों की मदद से वहां से भाग कर दिल्ली पहुंच गए। 19 अक्टूबर को दिल्ली में उन्होंने हमले के बारे में उस समय के रक्षामंत्री बलदेव सिंह व सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नही हुई। उस समय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू व शेख अब्दुल्ला में बातचीत के चलते इसे गंभीरता से नही लिया गया।