गांधीनगर गोलीकांड: रायल सिंह पर नागो के घर हमले की साजिश रचने का गहराया शक
पुलिस को संदेह है कि हमले की साजिश में रायल सिंह का हाथ हो सकता है। रायल सिंह इन दिनों अमनदीप हत्याकांड में कोटभलवाल जेल में आजीवन कारवास की सजा काट रहा है। उसे 2020 में आजीवन कारावास की कोर्ट ने सजा सुनाई थी।
जम्मू, अवधेश चौहान: शहर के जाने-माने व्यापारी नागर सिंह उर्फ नागो के गांधीनगर के ग्रीन बेल्ट में स्थित घर पर शनिवार देर रात बदमाशों द्वारा की गई ताबड़तोड़ फायरिंग को सुलझाने में विभिन्न थ्योरियों पर काम कर रही है। पुलिस इस हमले को कोटभलवाल जेल से जुड़े होने के एंगल से पर खास जोर देकर जांच कर रही है।
पुलिस को संदेह है कि हमले की साजिश में रायल सिंह का हाथ हो सकता है। रायल सिंह इन दिनों अमनदीप हत्याकांड में कोटभलवाल जेल में आजीवन कारवास की सजा काट रहा है। उसे 2020 में आजीवन कारावास की कोर्ट ने सजा सुनाई थी। अमनदीप हत्याकांड में नागर सिंह का बेटा जितेंद्र सिंह भी आरोपित था, लेकिन उसने संदिग्ध परिस्थितियों में डिस्ट्रक्ट जेल ऊधमपुर में आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद रायल सिंह ही एकमात्र ऐसा अभियुक्त है, जिसे आजीवन कारावास की सजा मिली।
जम्मू के तत्कालीन एसएसपी मनोहर सिंह, जिन पर अमनदीप सिंह हत्याकांड में गांधीनगर पुलिस स्टेशन में हत्या में इस्तेमाल हथियार बदलने के आरोप लगे थे, वे कोर्ट से बरी हो चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि जितेंद्र सिंह द्वारा आत्महत्या करने के बाद रायल सिंह के साथ नागो के परिवार से सभी संबध खत्म हो गए। यहां तक कि उच्च अदालत में मुकदमे की पैरवी की फीस के लिए भी रायल सिंह मोहताज है। इसलिए पुलिस को लग रहा है कि हो सकता है रायल सिंह ने नागर सिंह से बदला लेने के लिए उसके घर पर हमला करवाने की साजिश रची हो।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जिन हमलावरों ने नागो के घर हमला किया, उनमें से कुछ कोटभलवाल जेल में जन सुरक्षा अधिनियम के साल दो साल की सजा काट चुके हैं। अमनदीप की हत्या 29 अगस्त 2010 को गांधीनगर में हुई थी।
सूत्रों का कहना है कि रायल ¨सह, रामगढ़ के सेठी, आरएसपुरा के बबलू के संपर्क में आया और हमले की साजिश जेल में लिखी गई। नागर ¨सह के भाई राकेश चौधरी ने भी हमले के पीछे की इस थ्योरी से इन्कार नहीं किया है। नागर सिंह के परिवार वालों ने सीसीटीवी कैमरे से इन बदमाशों के अलावा भगवती नगर के रहने वाले बाबर की भी पहचान की है। शराब के ठेकों के होने वाले टेंडर से भी मामले को जोड़कर देख रही पुलिस नागर सिंह के घर पर हुए हमले के मामले में पुलिस शराब के ठेकों के टेंडर को लेकर भी काम कर रही है।
यह भी आशंका जताई जा रही है कि इस हमले के पीछे शराब माफिया का हाथ हो सकता है। इस बार शराब के ठेकों की बोली लगनी है। सूत्रों का कहना है कि नागर सिंह पहली बार लगने वाली शराब की बोली में आवेदन करेंगे। ऐसे में पुलिस को लगता है कि हो सकता है कि शराब माफिया ने स्थानीय बदमाशों का सहारा लेकर नागर बंधुओं को धमकाने के लिए यह हमला करवाया हो।
पिस्तौल और रिवाल्वर से चलाई गई थी गोलियां, पूछताछ के लिए छह हिरासत में एसएसपी जम्मू चंदन कोहली ने बताया कि शनिवार को नागर सिंह के घर पर फायरिंग करने वाले चार लोगों के बारे में पुलिस ने पता लगा लिया है। जल्द उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके लिए पुलिस की एक विशेष टीम का गठन किया गया है। फोरेंसिक की प्रथम दृष्टया रिपोर्ट में कहा गया है कि मौके से जो खाली कारतूस मिले हैं, वे पिस्तौल और रिवाल्वर के हैं। देशी कट्टों का फाय¨रग नहीं की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, बेशक परिवार के सदस्यों ने सीसीटीवी से हमलावरों की पहचान कर ली है, लेकिन दूसरे दिन भी पुलिस उनमें से किसी भी आरोपित को नहीं पकड़ पाई। हालांकि, पुलिस ने एक हमलावर के समर्थक समेत छह लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।