Jammu Kashmir: अब से हॉलमार्किंग वाले आभूषण ही बेचे विक्रेता, उपभोक्ताओं के अधिकारों संबंधी र्चाटर जारी
इस फैसले को पूरे देश में एक साथ लागू करने के बजाय चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इसके लागू होने से ग्राहकों को गहने में सोने की मात्रा व शुद्धता को लेकर संदेह की कोई गुंजाइश नहीं रह जाएगी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: खाद्य आपूर्ति एंव उपभोक्ता मामलों के विभाग ने आभूषण खरीदने के इच्छुक उपभोक्ताओं के अधिकारों संबंधी एक र्चाटर बुधवार को जारी किया है। विभाग द्वार आज इस संदर्भ में जारी बयान में बताया गया है कि 16 जून 2021 से सोने से बने गहनों की हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई।
भारतीय मानक ब्यूरो ने इस संदर्भ में एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि सिर्फ हॉलमार्क वाले ही स्वर्णाभूषण बेचे जाएं। 22, 18 और 14 कैरेट के स्वर्णाभूषणों तक ही हॉलमार्किंग सीमिति रखी गई है। संदेह होने पर उपभोक्ता गहने में इस्तेमाल सोने की शुद्धता का पता लगाने के लिए बीआईएस द्वारा मान्य किसी भी एसेईंग एंड हाॅलमार्किंग सेंटर से गहनों की नाममात्र फीस देकर जांच करा सकता है।
इस समय जम्मू-कश्मीर में चार ऐसे केंद्र हैं। इनमें से एक श्रीनगर में ही है। अगर विक्रेता द्वारा बेचे गए गहने में सोने की मात्रा या उसकी शुद्धता में कमी पाई जाती है तो उपभोक्ता उसके लिए मुआवजा प्राप्त कर सकता है। शुद्धता में कमी व अन्य मुद्दों पर उपभाेेक्ता अपने मोबाइल ऐप बीआईएस केयर या फिर बीआईएस की वेबसाइट डब्लयूडब्लयूडब्लयू.बीआईएस.जीओवी.इन पर जाकर अपनी शिकायत का आनलाइन पंजीकरण करा सकता है।
स्वर्णाभूषण या अन्य कोई सामान खरीदते हुए उपभोक्ता यह जरुर पता करे कि संबधित सुनार बीआईएस के साथ पंजीकृत है या नहीं। उसके बिक्री केंद्र पर पंजीकरण प्रमाणपत्र जरुर टंगा होना चाहिए। इसके अलावा ग्राहक गहनों पर हॉलमार्क के निशान की जांच करने के अलावा बिल जिस पर गहने के वजन, कीमत, सोने की शुद्धता इत्यादि का विवरण भी विक्रेता से प्राप्त कर सकता है।
आपको बता दें कि स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग का प्रविधान गत बुधवार को देशभर के 256 जिलों में लागू हो गया है। इस फैसले को पूरे देश में एक साथ लागू करने के बजाय चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इसके लागू होने से ग्राहकों को गहने में सोने की मात्रा व शुद्धता को लेकर संदेह की कोई गुंजाइश नहीं रह जाएगी।