नशा मुक्ति के लिए जम्मू कश्मीर में खुलेंगे चार और OST केंद्र

वर्तमान में जम्मू और कश्मीर में दो ही ओएसटी केंद्र हैं। एक जम्मू के मनोरोग अस्पताल में और दूसरा श्रीनगर मेडिकल कालेज में। दोनों ही केंद्रों में एक हजार से अधिक नशा पीडि़तों जिनमें अधिकांश युवा हैं ने पंजीकरण करवाया हुआ है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 09:31 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 09:31 AM (IST)
नशा मुक्ति के लिए जम्मू कश्मीर में खुलेंगे चार और OST केंद्र
बहुत से युवा नशा छोडऩा चाहते हैं। ऐसे युवाओं के लिए यह ओएसटी केंद्र मददगार होंगे।

जम्मू, रोहित जंडियाल। समाज को नशे से मुक्त कराने के लिए जम्मू कश्मीर में चार और ओपियोड सब्सिट्यूट थेरेपी (ओएसटी) केंद्र खुलेंगे। दो केंद्र जम्मू और दो कश्मीर में खुलेंगे। इसकी प्रक्रिया चल रही है। जम्मू कश्मीर में बहुत से युवा ऐसे हैं जो कि सिरिंज से नशा करते हैं। इससे इनके एचआइवी संक्रमित होने की आशंका रहती है। बहुत से युवा नशा छोडऩा चाहते हैं। ऐसे युवाओं के लिए यह ओएसटी केंद्र मददगार होंगे।

वर्तमान में जम्मू और कश्मीर में दो ही ओएसटी केंद्र हैं। एक जम्मू के मनोरोग अस्पताल में और दूसरा श्रीनगर मेडिकल कालेज में। दोनों ही केंद्रों में एक हजार से अधिक नशा पीडि़तों, जिनमें अधिकांश युवा हैं, ने पंजीकरण करवाया हुआ है। दोनों पर पड़ रहे बोझ को देखते हुए ही जम्मू कश्मीर एड्स कंट्रोल सोसायटी ने मेडिकल कालेजों में ओएसटी केंद्र खोलने का प्रस्ताव भेजा था। अब चार केंद्र खोलने की मंजूरी मिल गई है। जम्मू में एक केंद्र राजकीय मेडिकल कालेज कठुआ और पुलिस अस्पताल जम्मू में खुलेगा। कश्मीर में एक केंद्र राजकीय मेडिकल कालेज बारामुला और दूसरा राजकीय मेडिकल कालेज अनंतनाग में खुलेगा। इन केंद्रों को नेशनल एड्स कंट्रोल सोसायटी सहायता से जम्मू कश्मीर एड्स कंट्रोल सोसायटी चलाएगी। इन केंद्रों में दवाई नेशनल एड्स कंट्रोल सोसायटी ही भेजेगी। इनमें डाक्टर, काउंसलर के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ भी नियुक्त किया जाता है।

जम्मू कश्मीर एड्स कंट्रोल सोसायटी के अधिकारियों के अनुसार मंजूर किए गए केंद्रों के लिए स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। स्टाफ की नियुक्ति के बाद इन्हें अधिकारिक तौर पर खोल दिया जाएगा।

ओपियोड सब्सिट्यूट थेरेपी यह है

ओएसटी का मकसद युवाओं को नशे की लत से छुटकारा दिलाना है। ओएसटी केंद्रों में पंजीकृत नशा करने वालों को पहले नशे की थोड़ी मात्रा दी जाती है। यह मात्रा लगातार कम करते हुए मरीजों को पूरी तरह से नशे की लत से छुटकारा दिलाने की कोशिश की जाती है। नशा पूरी तरह छोडऩे पर मरीजों को छुट्टी दे दी जाती है। यहां पर आने वाले मरीजों की लगातार काउंसलिंग की जाती है।

प्रदेश में नशे की लत लगातार बढ़ रही

दो साल पहले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की रिपोर्ट में यह कहा गया था कि जम्मू कश्मीर में 25 हजार से अधिक लोग इंजेक्शन के जरिये नशा ले रहे हैं। यह सर्वेक्षण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डा. अतुल अंबेकर की देखरेख में हुआ। इसके अनुसार जम्मू कश्मीर में इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वालों की संख्या देश में 12वें स्थान पर थी। ओपियाड अर्थात नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों की संख्या राष्ट्रीय स्तर पर 2.06 प्रतिशत है। जम्मू कश्मीर में यह दर 4.91 प्रतिशत है। एम्स और नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर के सर्वे में कश्मीर की 4.5 फीसद जनसंख्या ड्रग एडिक्ट पाई गई है। इनमें अनंतनाग और श्रीनगर में 18 हजार लोग ड्रग एडिक्ट मिले। श्रीनगर नशा मुक्ति केंद्र के प्रभारी डा. यासिर राथर ने भी इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कश्मीर में नशा तेजी से बढ़ा है। 

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