Jammu Kashmir : नहीं रहे जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी के पूर्व सचिव अजीज हाजिनी

डा. हाजिनी कश्मीर विश्वविद्यालय से कश्मीरी भाषा में पहली स्वर्ण पदक विजेता थे। कश्मीरी भाषा में उनकी दो दर्जन से ज्यादा पुस्तके प्रकाशित हो चुकी हैं।उन्होंने कई पुस्तकों का अंग्रेजी से कश्मीरी में अनुवाद किया था। उन्हें वर्ष 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 07:29 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 07:29 PM (IST)
Jammu Kashmir : नहीं रहे जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी के पूर्व सचिव अजीज हाजिनी
डा. हाजिनी कश्मीर विश्वविद्यालय से कश्मीरी भाषा में पहली स्वर्ण पदक विजेता थे।

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के पूर्व सचिव, कश्मीरी भाषा के जाने माने साहित्यकार डा. अजीज हाजिनी का लंबी बीमारी के बाद श्रीनगर के खैबर अस्पताल में निधन हो गया। वह 64 वर्ष के थे।वह अपने पीछे धर्मपत्नी, दो बेटों और एक बेटी छोड़ गए हैं।उनके निधन पर कला एवं साहित्य जगत में शोक की लहर है।

डा. अज़ीज़ हाजिनी हाजिन सोनावारी कश्मीर के रहने वाले हैं। जहां उन्होंने अकादमिक और साहित्यिक क्षेत्रों में कई पदों पर कार्य किया।वह अकादमी के सचिव रहे।राज्य शिक्षा संस्था के अनुसंधान अधिकारी रहे।स्कूल शिक्षा विभाग में कई जिम्मेवारियां का सफलता पूर्वक निर्वाह किया।शेख-उल-आलम चेयर, शेख-उल-आलम अध्ययन केंद्र, कश्मीरी विश्वविद्यालय में इंचार्ज रहे।वर्ष 2011 से 2014 तक जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सचिव रहे।

डा. हाजिनी कश्मीर विश्वविद्यालय से कश्मीरी भाषा में पहली स्वर्ण पदक विजेता थे। कश्मीरी भाषा में उनकी दो दर्जन से ज्यादा पुस्तके प्रकाशित हो चुकी हैं।उन्होंने कई पुस्तकों का अंग्रेजी से कश्मीरी में अनुवाद किया था। साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता होने के अलावा, उन्हें वर्ष 2013 के लिए कश्मीरी में सर्वश्रेष्ठ अनुवाद के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। डा. हाजिनी 2008 से 2012 तक कश्मीरी सलाहकार बोर्ड साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के संयोजक रहे। वर्ष 2009 से भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, साहित्य में वरिष्ठ और कनिष्ठ फैलोशिप देने के लिए विशेषज्ञ समिति के एक सदस्य भी थे।

डा. हाजिनी 2008 से 2012 तक साहित्य अकादमी के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य रहे। डा. हाजिनी 1997 से 2002 तक साहित्य अकादमी के कश्मीरी सलाहकार बोर्ड के सदस्य रहे। वह दो बार अदबी मरकज़ कामराज के अध्यक्ष चुने गए।वह जम्मू-कश्मीर, कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी श्रीनगर की सलाहकार समिति के सदस्य रहे।

डा. हाजिनी को 1998 से जून 2008 के बीच तीन बार अदबी मरकज़ कामराज के महासचिव के रूप में चुना गया था। वह 1998 से 2000 तक कश्मीर थिएटर एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। डा. हाजिनी साहित्य अकादमी पुरस्कारों के लिए जूरी सदस्य थे। उन्होंने कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात सहित दुनिया भर में सेमिनार, संगोष्ठियों और सम्मेलनों में भाग लिया है।

उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अकादमी के पूर्व सचिव, एडीजी दूरदर्शन डा. रफीक मसूदी ने कहा कि डा. हाजिनी ने कश्मीरी साहित्य के लिए सराहनीय कार्य किया है। उनके जाने से साहित्य जगत में जो शून्य पैदा हुआ है उसकी भरपाई असंभव है।

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