Jammu: नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व सांसद की वसीहत को चुनौती, बेटी ने वसीहत को फर्जी करार दिया

डॉ. अख्तर ने अपनी अपील में कहा कि उनके पिता पहली जुलाई 2017 को अपनी वसीहत कोर्ट में बनवाई थी लेकिन बाद में उस वसीहत में कुछ खामियां देखने के बाद उन्होंने चार जुलाई 2017 को दोबारा वसीहत बनवाई।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 01:44 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 01:44 PM (IST)
Jammu: नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व सांसद की वसीहत को चुनौती, बेटी ने वसीहत को फर्जी करार दिया
उनके भाई फर्जी वसीहत लेकर सामने आ गए है क्योंकि वे पिता की अधिकांश संपत्ति को हड़पना चाहते है।

जम्मू, जेएनएफ: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सांसद व नेशनल कांफ्रेंस के नेता चौधरी शबीर अहमद सलारिया की वसीहत को फर्जी करार देते हुए उनकी बेटी डॉ. अख्तर उन निसा सलारिया ने कोर्ट में केस दायर किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके भाई फर्जी वसीहत बनाकर संपत्ति हड़पना चाहते है। कोर्ट ने इस पर वसीहत के आधार पर किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए सलारिया के दोनों बेटों को नोटिस जारी कर पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

डॉ. अख्तर ने अपनी अपील में कहा कि उनके पिता पहली जुलाई 2017 को अपनी वसीहत कोर्ट में बनवाई थी लेकिन बाद में उस वसीहत में कुछ खामियां देखने के बाद उन्होंने चार जुलाई 2017 को दोबारा वसीहत बनवाई। इस बार वह स्वयं कोर्ट में पेश हुए और दो निष्पक्ष गवाहों की मौजूदगी में कोर्ट के सामने वसीहत तैयार की गई।

डॉ. अख्तर के मुताबिक अब उनके भाई उनके पिता की फर्जी वसीहत लेकर सामने आ गए है क्योंकि वे पिता की अधिकांश संपत्ति को हड़पना चाहते है। अपने भाई मोहम्मद उस्मान सलारिया पर संपत्ति के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जब उनके पिता जिंदा थे तो वह अक्सर उन्हें संपत्ति के लिए प्रताड़ित करता था।

पिता के बाद मां को प्रताड़ित कर एक बार उसने मां के खाली कागज पर हस्ताक्षर भी कराए जिसे लेकर जम्मू के पीर मिट्ठा पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाई ने फर्जी तरीके से पिता के श्रीनगर के शिवपाेरा में एक प्लाट तीन लोगों को बेचा था और भंडाफोड़ होने के बाद उसे बीस लाख रुपये मुआवजा देना पड़ा था।

भाई पर संपत्ति के लिए फर्जी वसीहत तैयार करवाने का आरोप लगाते हुए डॉ. अख्तर ने कहा कि उनके पिता द्वारा बनाई गई दोनों वसीहत अंग्रेजी में है और कोर्ट में तैयार करवाई गई लेकिन उनका भाई उर्दू में वसीहत लेकर आए है जो उनके पिता ने कभी नहीं बनवाई।

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