कश्मीर में कोविड से बेसहारा हुए बच्चों को अवैध रुप से गोद दिलाने-बेचने का मामला आया सामने, एफआइआर दर्ज

पांपोर पुलवामा स्थित ग्लोबल वेल्फेयर चैरिटेबल ट्रस्ट के संचालक असरार अमीन ने दिल्ली के एक होटल में बातचीत में बताया कि उनकी संस्था कइ्र कोविड अनाथ बच्चों की देखभाल कर रही है। अगर बच्चे को गोद लेना है तो 75 हजार रुपये अदा करने होंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 08:58 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 08:58 AM (IST)
कश्मीर में कोविड से बेसहारा हुए बच्चों को अवैध रुप से गोद दिलाने-बेचने का मामला आया सामने, एफआइआर दर्ज
अगर कोई कोविड अनाथ बच्चा चाहता है तो कोई दिक्कत नहीं है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। एक गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्था द्वारा कोविड से बेसहारा हुए बच्चों को अवैध रुप से गोद दिलाने व उन्हें बेचने की तथाकथित खबरों का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने जम्मू और कश्मीर प्रांत के लिए दो पृथक तथ्य खोज समितियां भी गठित की हैं। यह समितियां दोनों प्रांतों में अनाथों, कोविड अनाथें की संख्या और उनके कल्याण के लिए किए जा रहे कार्याें का आकलन करेगी।

कोरोना महामारी के दौरान कई बच्चे अनाथ हुए हैं। इन बच्चाें के संरक्षण व कल्याण के लिए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं भी शुरु की गई हैं।इसके बावजूद इन बच्चों के गलत हाथों में पड़ने की लगातार आशंका व्यक्त की जा रही है और यह आशंका दिल्ली में उस समय सच साबित हुई जब एक मीडियाकर्मी ने कश्मीर और दिल्ली की कुछ एनजीओ संचालकों का स्टिंग किया। इसमें यह एनजीओ संचालक काेविड अनाथ बच्चों को अवैध रुप से गोद दिलाने के बदले मोटी रकम लेने की बात कर रहे हैं।

पांपोर, पुलवामा स्थित ग्लोबल वेल्फेयर चैरिटेबल ट्रस्ट के संचालक असरार अमीन ने दिल्ली के एक होटल में बातचीत में बताया कि उनकी संस्था कइ्र कोविड अनाथ बच्चों की देखभाल कर रही है। अगर बच्चे को गोद लेना है तो 75 हजार रुपये अदा करने होंगे। असरार अमीन ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हमारे पास कई अनाथ है। अगर कोई कोविड अनाथ बच्चा चाहता है तो कोई दिक्कत नहीं है। कश्मीरी बच्चे बहुत खूबसूरत होते हैं, माशाल्लाह।

अमीन ने कोविड में अनाथ हुए बच्चों की जोड़ी के लिए डेढ़ लाख रुपये मांगे और कहा कि मैं यह पैसा अपने लिए नहीं बल्कि अपनी संस्था के लिए मांग रहा हूं। उसने इन बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया की कागजी कार्रवाई की जरुरत भी नहीं बताई और कहा कि अगर कोई समस्या पैदा होगी तो वह उसे खुद हल कर लेगा। असरार अमीन की तरह एक अन्य एनजीओ संचालक एजाज अहमद डार ने तो अस्पतालों में से नवजात बच्चों को तथाकथित तौर पर उठाने और उन्हें गोद दिलाने का भी दावा किया। उसने ऐसे बच्चे के लिए दस लाख की राशि की मांग की।

बच्चों की देखभाल और कल्याण की आड़ में हो रहे इस घिनौने कृत्य का पता चलते ही मिशन निदेशक एकीकृत शिशु संरक्षण योजना ने कथित दोषियों के खिलाफ पुलिस स्टेशन पांपोर में एक एफआईआर दर्ज कराई है। समाज कल्याण विभाग की निदेशिका शीतल नंदा ने इस मामले केा आईजीपी कश्मीर विजय कुमार के संज्ञान मे लाते हुए संबधित कानून के तहत दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आग्रह किया है। इसके साथ ही मिशन निदेशक एकीकृत शिशु संरक्षण योजना जम्मू कश्मीर शबनम कामिली ने शिशु कल्याण समिति को प्रदेश में सभी कोविड अनाथ बच्चों से निजी तौर पर मुलाकात कर उनकी मौजूदा स्थिति से निदेशालय आईसीपीसी को एक दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है।

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