Jammu Kashmir: निजी स्कूलों पर फीस बढ़ाने पर रोक, पहले का आदेश वापस लिया

समिति ने अपने एक अलग आदेश में जनवरी 2019 को जारी आदेश को भी वापिस ले लिया है। इस आदेश में स्कूलों को अगस्त 2018 को निर्धारित किए गए फीस ढांचे पर छह फीस तक फीस बढ़ोतरी करने की इजाजत दी गई थी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 12:47 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 12:47 PM (IST)
Jammu Kashmir: निजी स्कूलों पर फीस बढ़ाने पर रोक, पहले का आदेश वापस लिया
स्कूल एक जून 2015 को कोर्ट के निर्देशों के तहत फीस बढ़ाने के पीदे के तर्क भी दे।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: निजी स्कूलों के लिए फीस निर्धारित करने की समिति ने जारी अकादमिक वर्ष 2020-21 के लिए फीस ढांचे में किसी भी प्रकार का बदलाव करने पर रोक लगा दी है। समित ने कहा कि इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण निजी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकते हैं।

समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जस्टिस मुजफ्फर हुसैन अत्त्तर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला किया गया। इस बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रशासनिक सचिव और समिति के मेंबर सेक्रटरी बीके सिंह, स्कूल शिक्षा विभाग की निदेशक अनुराधा गुप्ता और जेएंडके बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन की सचिव मनीशा सरीन भी मौजूद थी।

बैठक में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर के सभी निजी स्कूल चाहे वह जेएंडके बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन के साथ पंजीकृत हैं या फिर सीबीएसई के साथ उनका पंजीकरण हुआ हो, वे अकादमिक सत्र 2020-21 में फीस नहीं बढ़ा सकते हैं। आदेश में कहा गया है कि कोई भी निजी स्कूल टयूशन फीस, वार्षिक फीस, बस फीस या अन्य किसी भी प्रकार की फीस को नहीं बढ़ा सकते हैं। समिति ने इन आदेशों को सख्ती के साथ लागू करने को कहा है।

आदेश में कहा गया है कि यह फैसला कोविड 19 के कारण लगे लाकडाउन को देखते हुए किया गया है। इससे सभी आर्थिक गतिविधियां बंद हो गई थी। कोविड 19 के कारण समाज का हर वगर्ग प्रभावित हुआ है। कई लोगों का रोजगार चला गया है। अधिकांश लोगों की आय भी कम हुई है। लोगों के लिए जीवन की मूल जरूरतों को पूरा करने में भी दिक्कत हो रही है। समिति के चेयरमैन ने कहा कि स्कूलों को फीस ढांचे को भविष्य में नियमित करने के लिए अपनी फाइलें समिति को भेजनी चाहिए।

समिति ने अपने एक अलग आदेश में जनवरी 2019 को जारी आदेश को भी वापिस ले लिया है। इस आदेश में स्कूलों को अगस्त 2018 को निर्धारित किए गए फीस ढांचे पर छह फीस तक फीस बढ़ोतरी करने की इजाजत दी गई थी। आदेश में कहा गया है कि स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए जो अधिकार दिया गया था, फिलहाल उसे वापिस लिया जा रहा है। आदेश में कहा गया है कि अगर कोई स्कूल फीसा बढ़ाने कार इच्छूक है तो वे समिति से संपर्क करे। स्कूल एक जून 2015 को कोर्ट के निर्देशों के तहत फीस बढ़ाने के पीदे के तर्क भी दे। 

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