Jammu : चार साल बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दुष्कर्म-अपहरण के आरोपित को सुनाई 10 साल की सजा

Fast Track Court Jammu नाबालिग के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और 6 अप्रैल 2018 को रतलाम मध्य प्रदेश से उसकी बेटी को बरामद किया। इसके बाद नाबालिग की मेडिकल जांच करवाई गई।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 02:19 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 02:47 PM (IST)
Jammu : चार साल बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दुष्कर्म-अपहरण के आरोपित को सुनाई 10 साल की सजा
फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी ने यह सजा सुनाते हुए कहा कि यह दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।

जम्मू, जेएनएन। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आज पिछले चार सालों से चल रहे दुष्कर्म व अपहरण के मामले का निपटारा करते हुए आरोपी को 10 की सजा सुनाई है। कलेरी भलवाल जम्मू के रहने वाले राकेश कुमार को कार्ट ने 13 साल की नाबालिग का अपहरण व उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोपी पाया। यह मामला वर्ष 2018 का है। कोर्ट ने अपहरण मामले में दोषी को सात साल की सजा सुनाई। हालांकि फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी ने यह सजा सुनाते हुए कहा कि यह दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।

कुमार पर दोनों सजाओं के लिए 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने का भुगतान न करने की स्थिति में दोषी को प्रत्येक अपराध में तीन महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगती होगी। पीठासीन अधिकारी ने सजा सुनाते हुए यह भी कहा कि इस मामले की जांच और मुकदमे के दौरान दोषी की हिरासत की अवधि सजा में शामिल नहीं होगी। इससे पूर्व अभियोजन पक्ष ने बताया कि वर्ष 2018 में जब 13 वर्षीय उनकी नाबालिग (नाम छुपाया गया) बेटी अपने घर में सुबह सो रही थी, वह अचानक लापता हो गई थी। परिजनों ने उसे बहुत ढूंढा परंतु उसका कुछ पता नहीं चला। आसपास पूछ-पड़ताल करने पर पता चला कि उसका अपहरण उनके ही पड़ोसी राकेश कुमार ने किया था। वह भी अपने घर से लापता था।

नाबालिग के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और 6 अप्रैल 2018 को रतलाम मध्य प्रदेश से उसकी बेटी को बरामद किया। इसके बाद नाबालिग की मेडिकल जांच करवाई गई। जांच प्रक्रिया व पूरे सबूत जुटाने के बाद 31 मई 2018 को पुलिस ने उप रजिस्ट्रार जेएमआईसी जम्मू की अदालत में आरोप पत्र दायर किए। जहां से आरोप पत्र प्रिंसिपल सेशन जज जम्मू की अदालत में भेज दिए गए।

अंततः 6 जून 2018 को मामला तीसरे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जम्मू की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद 6 मई 2021 को यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट को दे दिया गया। आज दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सभी सबूत यह साबित करते हैं कि राकेश कुमार ने गुनाह किया है। लिहाजा उन्होंने राकेश कुमार को नाबालिग लड़की के अपहरण व दुष्कर्म का आरोपी करार दिया। कोर्ट ने सजा सुनाने के साथ ही सुपरिटेंडेंट सेंट्रल जेल कोट भलवाल को दोषी को रिमांड पर लेने को कहा। आरोपी को सात साल जेल की सजा सुनाई गई है।

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