Farmers Protest: आंदोलन को समर्थन देने जम्मू से दिल्ली गए किसान, कृषि कानून को जल्द रद करने की मांग की
लोगों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से मसला सुलझाने के लिए जो किसानों की एक कमेटी बनाई गई है उसमें शामिल लोग कृषि कानून के समर्थक हैं। इसलिए किसान धरना तभी खत्म करेंगे जब केंद्र सरकार कृषि कानून को रद्द करें।
संवाद सहयोगी, मीरां साहिब : क्षेत्र की पंचायत मक्खनपुर गुजरा सिंबल मोड बस्ती गो¨वदपुरा से वीरवार को काफी संख्या में सिख संगत ट्रक में सवार होकर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के समर्थन के लिए रवाना हुई। कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर सड़क मार्ग पर धरना लगाकर बैठे किसानों के समर्थन के लिए सिख संगत की ओर से काफी संख्या में किसानों के लिए खाने पीने का सामान पानी की बोतलें भी किसानों के लिए भेजी गई।
बस्ती गोबिंदपुरा सिंबल स्थित गुरुद्वारे से रवाना होने से अरदास भी की गई। इस मौके पर संगत में शामिल लोगों ने अपने विचार रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की मांगों को जल्द से जल्द मान लेना चाहिए और जो कृषि कानून पारित किए गए हैं उन्हें रद करना चाहिए। लोगों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से मसला सुलझाने के लिए जो किसानों की एक कमेटी बनाई गई है, उसमें शामिल लोग कृषि कानून के समर्थक हैं। इसलिए किसान धरना तभी खत्म करेंगे जब केंद्र सरकार कृषि कानून को रद्द करें।
लोगों ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कि सब कुछ जानते हुए भी अंजान बने हुए हैं उन्हें इस तरह का रवैया किसानों के प्रति नहीं अपनाना चाहिए क्योंकि अगर किसान को ही अपनी समस्या का समाधान कराने के लिए भीषण ठंड में सड़क पर बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है तो हर कोई समझ सकता है कि केंद्र सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं जिसे देश के किसान कतई सहन नहीं करेंगे।
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द किसानों का धरना समाप्त कराया जाए और कृषि कानून को रद्द किया जाए अन्यथा आने वाले दिनों में क्षेत्र से सैकड़ों की संख्या में और भी सिख संगत किसानों के समर्थन के लिए धरना स्थल पर जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सरकार को समझा-बुझाकर मामले को शांत करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए इससे पहले कि कहीं देर हो जाए।