किसानों के आंसुओं ने बयां किया फसल बर्बाद होने का दर्द

मौसम के अचानक बदले मिजाज के बाद शनिवार को बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि की वजह से किसानों को धान की पकी फसल समेटने का मौका तक नहीं मिला। बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 07:35 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 07:35 AM (IST)
किसानों के आंसुओं ने बयां किया फसल बर्बाद होने का दर्द
किसानों के आंसुओं ने बयां किया फसल बर्बाद होने का दर्द

जागरण टीम, जम्मू: मौसम के अचानक बदले मिजाज के बाद शनिवार को बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि की वजह से किसानों को धान की पकी फसल समेटने का मौका तक नहीं मिला। बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। अब राजस्व विभाग की तरफ से इसका आकलन करने के लिए सर्वे शुरू किया गया है।

बिश्नाह के तहसीलदार सोहनलाल राणा और डीडीसी सदस्य धर्मेंद्र कुमार ने रविवार को रेहाल, मगाल, मजुआ चक, चिमना आदि गांवों का दौरा किया। पानी में डूबी धान की फसल को तहसीलदार को दिखाते समय किसान रोने लगे। डीडीसी सदस्य धर्मेद्र कुमार ने तहसीलदार को बताया कि धान की फसल बेचकर किसान अपने कर्ज उतारते और अन्य जरूरी काम भी इसी के भरोसे होने थे, लेकिन अब उनके सभी सपने बिखर गए हैं। उसके पास अगली फसल लगाने के लिए पैसे नहीं हैं। इसलिए हमारी प्रशासन से अपील है कि वह पानी में डूब गई फसल के लिए किसानों को सौ फीसद मुआवजा दे। तहसीलदार ने भी किसानों को आश्वासन दिया कि वे मौसम की वजह से किसानों की जो फसलें बर्बाद हुई हैं, उसकी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज रहे हैं। उनकी कोशिश होगी कि किसानों को इसका पूरा मुआवजा मिले। इस मौके सरपंच भविण सिंह, सुरजीत सिंह आदि लोग मौजूद थे।

उधर, मीरां साहिब के बीडीसी चेयरमैन दिलीप कुमार ने भी रविवार को क्षेत्र के गाजिया, कोटली मियां फते, निहालपुर, सिबल, मलिकपुर आदि गांवों में पहुंचकर बारिश से खराब हुई किसानों की फसल का जायजा लिया। इस दौरान किसानों ने बर्बाद हुई फसल के लिए जल्द से जल्द मुआवजा दिलवाने की मांग की। किसानों का कहना था कि उन्होंने कर्ज लेकर धान की फसल लगाई थी। फसल बर्बाद होने से अब वे अगली फसल लगाने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए यदि सरकार चाहती है कि किसान अगली फसल लगाएं तो वह जल्द से जल्द मुआवजा दे। डीडीसी चेयरमैन ने कहा कि सरकार को प्रभावित किसानों को न्यूनतम 5000 रुपये प्रति कनाल की दर से मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे कोशिश कर रहे हैं कि इसके लिए जल्द सर्वे का काम पूरा करवाया जाए। इस मौके पर उनके साथ इंजीनियर राजेश कुमार, सरदारी लाल, अमरीक सिंह, राजेंद्र सिंह आदि लोग उपस्थित थे।

फसल के नुकसान का आकलन नहीं करने पर फूटा गुस्सा

-750 रुपये प्रति कनाल की दर से खेत में पानी में डूबी धान की फसल को निकालने के लिए किसानों को मजदूरों को देने होंगे।

-5000 रुपये प्रति कनाल की न्यूनतम दर से मीरां साहिब के विभिन्न गांवों के किसानों ने सरकार से मुआवजा जारी करने की मांग की।

संवाद सहयोगी, मीरां साहिब : ओलावृष्टि और बारिश से शनिवार को किसानों की फसल बर्बाद होने के दूसरे दिन भी राजस्व विभाग की तरफ से नुकसान का आकलन नहीं करने पर रविवार को किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। क्षेत्र के टांडा गांव में किसानों ने यूथ कांग्रेस के नेता खुशवंत सिंह के नेतृत्व में किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

खुशवंत सिंह ने रविवार को यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ टांडा, कीर पिड, ममका, गाजिया आदि गांवों का दौरा करने पहुंचे थे। उन्होंने ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का जायजा लिया। इस दौरान टांडा गांव में उन्हें अपना दर्द बता रहे किसानों योगराज, विजय कुमार, सेवाराम ओमप्रकाश, रामलाल, अमन कुमार ने रोष जताते हुए कहा कि कुदरत का कहर ही उन पर नहीं टूटा है, वे सरकार की उपेक्षा भी झेल रहे हैं। उनकी बासमती धान की फसल पूरी तरह तबाह हो गई, लेकिन प्रशासन के अधिकारी दूसरे दिन भी उनके आंसू पोछने नहीं आए। अब उनकी फसल सिर्फ पशुओं के चारे के काम ही आएगी। इसके भी कटवाने के लिए प्रति कनाल 750 रुपये की दर से मजदूरों को देने होंगे। इस मौके पर राजेश भगत, शमशेर लाल, शब्बीर अहमद आदि लोग उपस्थित थे। उधर, किसान नेता सुभाष दसगोतरा में भी रविवार को विभिन्न गांवों का दौरा कर ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का जायजा लिया और जल्द से जल्द सरकार से किसानों को मुआवजा जारी करने की मांग की। तबाही का ऐसा मंजर जीवन में कभी नहीं देखा

खुशवंत सिंह ने कहा इससे पहले क्षेत्र में उन्होंने ऐसा तबाही का मंजर अपने जीवन में कभी नहीं देखा। कुदरत ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। दो साल पहले भी आपदा आई थी, जिसका सरकार ने आज तक मुआवजा नहीं दिया है। इस बार बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। कई गांवों में किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई है। कांग्रेस पार्टी की मांग है कि पांच हजार रुपये प्रति कनाल की न्यूनतम दर से किसानों को सरकार जल्द से जल्द मुआवजा दे। उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार ने प्रति कनाल महज 675 रुपये ही किसानों को दिए थे। इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए। यदि सरकार ने मुआवजा कम दिया तो कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ सड़क पर उतरेगी।

chat bot
आपका साथी