फसलों पर मौसम की मार, किसान चिंतित
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : इस पखवाड़े कई बार बारिश होने से रबी फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ने
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : इस पखवाड़े कई बार बारिश होने से रबी फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ने लगा है। खासतौर पर सीमांत क्षेत्र के रोई इलाकों में बीजी गई गेहूं, सरसों, बरसीन, जौ आदि की फसलें पानी भर जाने से पीली होने लगी हैं।
बीते दिनों लगातार हुई बारिश ने रोई क्षेत्रों को जलमग्न करने का काम किया है। सीमांत क्षेत्र रामगढ़ के 70 फीसद रोई इलाके में खेतों में पानी भरा है और बीजी गई फसलें खराब होने का खतरा बन गया है। हालांकि किसान खेतों में भरे पानी को निकालने के विकल्प खोज रहे हैं, लेकिन जमीन की नमी भरपूर होने से पानी निकासी के विकल्प कारगार साबित नहीं हो पा रहे। उधर, फसलों की बिजाई के लिए किया गया खर्च किसानों को संकट में डालने का काम कर रहा है। सीमांत किसान सतपाल चौधरी, प्रकाश चंद, म¨हद्र लाल, तरसेम कुमार, परमजीत सिंह, बलदेव राज, साई दास, आशा राम, अनिल कुमार, दर्शन लाल व अन्य ने कहा कि रबी फसलों पर हुई मौसम की अधिक मेहरबानी अब खतरे का फरमान बन गई है। शुष्क और मैदानी क्षेत्रों के लिए अधिक बारिश से फसलों को कोई नुकसान नहीं पड़ने वाला है, लेकिन रोई क्षेत्रों की फसलों के खराब होने का संकट बन गया है। किसानों ने कहा कि रामगढ़ में अधिकांश रबी फसलों की बिजाई रोई क्षेत्रों में होती है। ऐसे में अगर बीजी गई फसलें पानी जमा होने से नष्ट हो गई तो किसानों की कमर टूट जाएगी।
उधर, कृषि अधिकारी एईओ रामगढ़ अजीत ¨सह ने भी अधिक बारिश को फसलों के लिहाज से खतरनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि जिन खेतों में फसलें बारिश के पानी में फंस गई हैं, अगर उनको जल्द सूखा नहीं मिला तो उसका नुकसान स्पष्ट तौर पर दिखाई देगा। लिहाजा किसान अपने स्तर पर खेतों में भरे पानी को निकालें, तभी फसलें बर्बाद होने से बच पाएंगी।