Jammu : धान की कटाई के लिए श्रमिक नहीं मिलने से किसानों की बढ़ी है चिंता
फसल की कटाई में जुटे किसान सौदागर सिंह हरनाम सिंह सुखदेव तरसेम लाल काका राम आदि का कहना है कि इस साल धान की फसल का अच्छा उत्पादन हुआ है मगर कोरोना महामारी के डर से दूसरे राज्यों से फसल काटने के लिए श्रमिक नहीं आए हैं
संवाद सहयोगी, मीरां साहिब : मीरां साहिब और आसपास के किसानों की धान की फसल समय पर पक कर तैयार है और कई जगह कटाई भी किसान कर रहे हैं। मगर ज्यादातर किसानों को कटाई के लिए फिर श्रमिकों की कमी खल रही है। फसल की कटाई में जुटे किसान सौदागर सिंह, हरनाम सिंह, सुखदेव, तरसेम लाल, काका राम आदि का कहना है कि इस साल धान की फसल का अच्छा उत्पादन हुआ है, मगर कोरोना महामारी के डर से दूसरे राज्यों से फसल काटने के लिए श्रमिक नहीं आए हैं, इसके चलते उन्हें मजबूरी में मकान के निर्माण कार्य में लगे श्रमिक से ही फसल कटाई करवानी पड़ रही है।
पेशेवर श्रमिक नहीं होने के चलते फसल कटाई में ज्यादा समय लग रहा है। जो मजदूर रुटीन में फसल कटाई के लिए आते थे, वे कटाई भी जल्दी करते थे और खर्चा भी उनका बचता था। किसानों का कहना है कि जो दूसरे राज्यों से फसल कटाई के लिए श्रमिक आते थे, उनको अभी भी अंदेशा सता रहा है कि कहीं कोरोना फिर से ना आ जाए और वह वहां पर एक बार फिर फंस ना जाएं। इसी तरह अन्य किसान बरीता राम, गिरधारी लाल, बिल्ला कुमार, प्रवीण कुमार, हरबंस लाल आदि का कहना है कि उनके क्षेत्र में हालांकि पंजाब से फसल कटाई के लिए एक कंबाइन पहुंची है जो कि किसानों की फसल की कटाई कर रही है, मगर वह भी नाकाफी है, क्योंकि फसल कटाई का सीजन है।
किसान परेशान इसलिए भी हैं कि कहीं फिर से बारिश जा आंधी-ओले ना पड़ जाएं, जिसके चलते उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। हालांकि पहले ही बेमौसम बरसात के कारण उनकी धान की फसल कुदरती आपदा की भेंट चढ़ी थी। उसका मुआवजा भी अभी तक किसानों को पूरी तरह से नहीं मिल पाया। इसलिए उनकी प्रशासन से मांग है कि दूसरे राज्यों के जो फसल कटाई के लिए मजदूर आते हैं, उनसे संपर्क साध कर उन्हें जम्मू-कश्मीर में बुलाया जाए।